तत्तापानी के राहुल रैना को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार देने की सिफारिश
तत्तापानी के राहुल रैना को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार देने की सिफारिश

तत्तापानी के राहुल रैना को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार देने की सिफारिश

मंडी, 26 जून (हि.स.) मंडी जिला की तहसील करसोग की तत्तापानी पंचायत के 16 वर्षीय बालक राहुल रैना अपनी जान की परवाह किए बगैर शाकरा पंचायत के मीन चंद को कोल बांध के तत्तापानी बांध में डूबने से बचाया। तत्तापानी के 16 वर्षीय राहुल रैना ने एक युवक को सतलुज नदी पर बने बांध के आगोश से स्वयं बांध में छलांग लगाकर उस वक्त युवक को बचाया जब युवक की सांसे रुकने लगी थी। राहुल अपने होटल के टेरेस पर टहल रहा था जब उसने कुछ लोगों को बचाओ -बचाओ चीखते घटनास्थल पर पाया। किसी की इतनी हिम्मत नहीं हुई की उफनती हुई नदी में जान पर खेलकर उस डूब रहे युवक को बचाए। लेकिन राहुल ने अपने जीवन की परवाह न करते हुए नदी में छलांग लगाकर नदी की लहरों के पाशों से उस डूबते हुए युवक को पकड़ नदी के किनारे तक लाया। 16 वर्ष की आयु में अपनी शारीरिक क्षमता पर विश्वास रखते हुए अपनी जीवन दांव पर लगाकर इस वीर बालक ने वीरता की वह मिसाल पेश की जो बिरले ही देखने को मिलती है। आज जहां युवक दिग्भ्रमित है अपने ही जीवन की सही राह का पता नहीं ऐसे समय में राहुल जैसे अदम्य मानवीय संस्कारों से समाज को प्रेरणा मिलती है। निसंदेह राहुल की वीरता को देखते हुए उसे राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जाना चाहिए। ताकि बालकों के जीवन के प्रति जिजीविषा का मान उत्पन्न हो। पांगणा-मंडी-शिमला की शौर्य पुरस्कार केलिए सिफारिश करने वाली संस्थाओं का कहना है कि यह राहुल रैना के माता-पिता-बुजुर्गों की साधना और संस्कार का फल है। यही जीवन का सबसे बड़ा पुरुषार्थ भी है। हिन्दुस्थान समाचार/सुनील-hindusthansamachar.in

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