नारायणपुर : ग्रामीणों ने फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगाते हुए राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन
नारायणपुर, 30 जून (हि.स.)। जिले के ओरछा अबूझमाड़ अंर्तगत ग्राम इतुल के जंगल में 19 जून को हुए मुठभेड़ को फर्जी बताकर इसके विरोध में बड़ी संख्या में बुधवार को ग्रामीण ओरछा थाने का घेराव कर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपने पहुंचे। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस ग्रामीणों को घर से उठाकर ले गई और जंगल ले जाकर एनकाउंटर किया गया और उन्हें वर्दी पहना कर नक्सली घोषित कर दिया। ग्राम इतुल के जंगल में 19 जून को हुए मुठभेड़ में डीआरजी के जवानो ने सर्चिंग ऑपरेशन के दौरान दो नक्सलियो को मार गिराया था। जिनकी पहचान संनकु और मंगड़ू के नाम से हुई। इस मुठभेड़ को लेकर ओरछा थाने का घेराव करने पहुंचे ग्रामीणों और मारे गए नक्सलियों के परिजनो ने पुलिस पर दो ग्रामीणों को घर से जबरदस्ती ले जाकर जंगल में एनकाउंटर कर नक्सली वर्दी पहना कर नक्सली बताने का आरोप लगया है। मुठभेड़ का विरोध करने अबूझमाड़ के 25 से ज्यादा पंचायत के ग्रामीण रैली निकालकर अबूझमाड़ मुख्यालय ओरछा पंहुचे। पुलिस के जवानों ने उन्हे ओरछा थाने के आगे ही रोक दिया। ओरछा ब्लाॅक के तहसीलदार केतन भोयर ग्रामीणों से मिलकर मामले की जांच करने का आश्वासन दिया। मीडिया से चर्चा के दौरान मारे गए नक्सली की बहन ने बताया कि डीआरजी के जवानो के द्वारा गांव में घुस कर ग्रामीणों के साथ मारपीट की गई और गांव से दो ग्रामीण सनकु और मंगड़ू को अपने साथ ले जाकर उनको गोली मार दिया गया, जिसके बाद नक्सली वर्दी पहना कर दोनों ग्रामीणो को नक्सली बता दिया। मृतक के परिजनों ने राज्यपाल के नाम तहसीलदार को सौंपा है। एएसपी नीरज चंद्राकर ने कहा कि यह नक्सलियों का नया ट्रेंड है, हर मुठभेड़ को जिसमें उन्हें बड़ा नुकसान होता है उसे फर्जी बताते हैं। नक्सल विरोधी अभियान में पुलिस को लगातार मिल रही सफलता से बौखलाए नक्सली भोले-भाले ग्रामीणों का मोहरा बनाकर अपने नाकामी एवं करतूतों पर पर्दा डालना चाहते हैं। हिन्दुस्थान समाचार/राकेश पांडे