कैट ने चीनी सामानों के बहिष्‍कार के लिए मुकेश अंबानी सहित अन्‍य उद्योगपतियों से मांगा सहयोग
कैट ने चीनी सामानों के बहिष्‍कार के लिए मुकेश अंबानी सहित अन्‍य उद्योगपतियों से मांगा सहयोग

कैट ने चीनी सामानों के बहिष्‍कार के लिए मुकेश अंबानी सहित अन्‍य उद्योगपतियों से मांगा सहयोग

नई दिल्ली, 24 जून (हि.स.)। सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों, राजनीतिक दलों, बॉलीवुड कलाकारों, क्रिकेटरों और देश के मशहूर हस्तियों से अपील के बाद कैट ने उद्योगपतियों से चीनी समानों के बहिष्कार के लिए सहयोग मांगा है। कैट ने बुधवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन मुकेश अंबानी और 50 अन्य उद्योगपतियों को पत्र भेजकर देश और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के अभियान से जुड़ने का आग्रह किया है। बता दें कि कैट ने ‘भारतीय सामान-हमारा अभिमान’ के नाम से ‘चीनी सामानों का बहिष्कार’ का एक अभियान 10 जून से राष्ट्रीय स्तर पर शुरू किया है। कारोबारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने मुकेश अंबानी के अलावा रतन टाटा, नारायणमूर्ति, अजीम प्रेमजी, आदी गोदरेज, नुस्ली वाडिया, अजय पीरामल, विक्रम किर्लोस्कर, कुमार मंगलम बिरला, शिव नाडार, राहुल बजाज, सुनील भारती मित्तल, ज्योत्स्ना सूरी, आनंद महिंद्रा, उदय कोटक, पलोनजी मिस्त्री, शशि रुइया, मधुकर पारेख, डा. सतीश रेड्डी, पंकज पटेल, नीलेश गुप्ता हर्ष मरीवाला, पंकज पटेल आदी से सहयोग का आग्रह किया है। मुकेश अंबानी और अन्य उद्योगपतियों को भेजे पत्र में कैट ने उनसे ये आग्रह किया है कि एक सफल उद्यमी और भारतीय उद्योग के कर्णधार होने के कारण वे सभी चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के राष्ट्रीय अभियान में शामिल हों। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल मुकेश अंबानी सहित अन्य सभी उद्योगपतियों से पत्र के माध्यम से अपील किया है कि ये अभियान देश की अर्थव्यवस्था में एक नया परिवर्तन लाएगा और भारत को दुनिया में एक नई आर्थिक महाशक्ति के रूप में स्थापित करेगा। खंडेलवाल ने कहा कि देश के सभी प्रमुख वर्गों के इस अभियान से जुड़ने से चीन पर भारत की निर्भरता बहुत हद तक कम होगी। गौरतलब है कि भारत चीन से चार श्रेणियों के उत्पादों का आयात करता है, जिसमें तैयार माल, कच्चा माल, भारत में असेंबलिंग के लिए स्पेयर पार्ट्स और टेक्नोलॉजी वाले उत्पाद शामिल हैं। कैट ने चरणबद्ध तरीके से चीनी वस्तुओं का बहिष्कार करने का फैसला किया है, जिसमें पहले चरण के लिए करीब 450 व्यापक श्रेणी के तैयार उत्पादों की एक सूची बनाई है। इसमें करीब 3000 से अधिक ऐसे उत्पाद हैं, जो चीन से आयात होते हैं जबकि इस तरह के सभी उत्पाद भारत में पहले से ही बन रहे हैं। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री ने कहा कि इस अभियान का पहला चरण 10 जून, 2020 को शुरू किया गया था, जो दिसंबर, 2021 तक जारी रहेगा। इस दौरान भारतीय उद्योग, लघु उद्योगों, उद्यमियों, स्टार्टअप और अन्य लोगों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए कैट केंद्र सरकार से एक व्यापक रणनीति बनाने का आग्रह करेगा। खंडेलवाल ने कहा कि देश के कुछ वर्गों में एक मिथक है कि भारत चीनी वस्तुओं का बहिष्कार बहुत मुश्किल है, जिसे भारत के व्यापारियों ने एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया है। उन्होंने दृढ़ता से कहा कि देश के व्यापारी देशवासियों के सहयोग से इसे सफल करके दिखाएंगे। उन्होंने कोविड-19 से लड़ने के लिए देश में ही अनेक वस्तुओं के उत्पादन का उदहारण देते हुए कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम दो महीने से भी बहुत कम वक्त में पीपीई किट, वेंटिलेटर, मास्क और अन्य वस्तुओं का उत्पादन कर सकते हैं तो फिर हम ऐसा क्यों नहीं कर सकते। खंडेलवाल ने कहा कि इसके लिए एक दृढ़ संकल्प की जरूरत है, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि कैट के ‘भारतीय सामान-हमारा अभिमान’ के अभियान की मुख्य धुरी बनेगा। खंडेलवाल ने कहा कि भारत की सेना चीन से बॉर्डर पर लड़ेगी। वहीं, भारतीय व्यापारी और भारत के लोग चीन से आर्थिक र्मोचे पर लड़ेंगे। हिन्दुस्थान समाचार/प्रजेश शंकर-hindusthansamachar.in

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