लाॅकडाउन : श्रमिक पैदल ही जौनपुर से पहुंच गए मीरजापुर

लाॅकडाउन : श्रमिक पैदल ही जौनपुर से पहुंच गए मीरजापुर
लाॅकडाउन : श्रमिक पैदल ही जौनपुर से पहुंच गए मीरजापुर

लाॅकडाउन : श्रमिक पैदल ही जौनपुर से पहुंच गए मीरजापुर मीरजापुर, 31 मार्च (हि.स.)। जिले के मड़िहान तहसील के कलवारी निवासी राहुल जौनपुर स्थित एक फैक्ट्री में कार्य करता है। लाॅकडाउन के बाद फैक्ट्री बंद कर दी गयी। उसके पास जब तक पैसा था तब तक जौनपुर में ही पड़ा रहा। जेब खाली होते ही वह घर के लिए रवाना हो गया। यह समस्या केवल राहुल की ही नहीं रही, बल्कि उसके साथ उसी फैक्ट्री में कार्य करने वाले रमेश, सदानन्द, गिरिजा शंकर समेत कई श्रमिकों की रही। चिलचिलाती धूप में मंगलवार की दोपहर लगभग साढ़े बारह बजे के करीब नगर के शास्त्री सेतु से पैदल ही श्रमिकों का झुण्ड जब शीतला मंदिर तिराहे पर पहुंचा तो अचानक दस पंद्रह युवकों को नगर की तरफ आते देख ड्यूटी दे रही पुलिस भी चौकन्ना हो गयी। पुलिस कर्मियों ने जब उन्हें रोक कर पूछताछ की तो राहुल ने बताया कि साहब हम लोग दो दिन से भूखे है। जौनपुर स्थित लोहे की कील बनाने वाली एक फैक्ट्री में कार्य करते थे। लाॅकडाउन के बाद फैक्ट्री बंद कर दी गयी। जब राशन खत्म हो गया तब सोमवार को चार बजे भोर में ही पैदल चल दिए। रास्ते में पुलिस ने रोककर भोजन तो करा दिया पर गांव जाने के लिए कोई वाहन नहीं मुहैया करा पाया। सदानन्द का कहना था कि गांव में पत्नी बीमार है। उसी का इलाज कराने के लिए जा रहा हूं। फैक्ट्री मालिक ने पैसा भी नहीं दिया। गिरिजा शंकर का कहना था कि जब काम ही नहीं रहा तो पेट कैसे भरता। मजबूरन पैदल ही घर आना पड़ा। हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर/दीपक-hindusthansamachar.in

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