लखनऊ: सूर्य के उत्तरायण पर कोरोना से लड़ने का सहारा देगी 'तुलसी'
लखनऊ: सूर्य के उत्तरायण पर कोरोना से लड़ने का सहारा देगी 'तुलसी'

लखनऊ: सूर्य के उत्तरायण पर कोरोना से लड़ने का सहारा देगी 'तुलसी'

-फेफड़े के संक्रमण में बहुत ही लाभदायक है तुलसी, खांसी, हिचकी, बुखार को करती है दूर -पिपली व गुण के साथ मिलाकर बना लें गोली, दिन में तीन बार लें, बढ़ायेगी रोग प्रतिरोधक क्षमता लखनऊ, 02 जून (हि.स.)। एक तुलसी हजार फायदे, लगभग हर रोग की दवा है तुलसी। ऐसे ही इसे हमारे वेदों में महत्व नहीं दिया गया है। इसके फायदे को देखकर ही चरक संहिता में भी इसके गुणों का वर्णन करते हुए लिखा गया है हिक्काकासविषश्वास पार्श्वशूलविनाशनः। पित्तकृत् कफवातघ्न्रः सुरसः पूतिगन्धहाः॥ अर्थात तुलसी हिचकी, खांसी, विष, श्वांस रोग और पार्श्व शूल को नष्ट करती है। यह पित्त कारक, कफ-वातनाशक तथा शरीर एवं भोज्य पदार्थों की दुर्गन्ध को दूर करती है। इस संबंध में आयुर्वेदाचार्य डाक्टर एसके राय बताते हैं कि कोरोना काल में सबसे ज्यादा इम्यूनिटी बढ़ाने, फेफड़े को मजबूत करने में सहायक है तो वह 'तुलसी' है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में सूर्य उत्तरायण चल रहा है। इस समय सूर्य बलवान होता है और मानव का बल कमजोर हो जाता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो जाती है। यह 15 जुलाई तक चलेगा। इसी कारण कहा जा रहा है कि कोरोना का सर्वाधिक पिक इसी समय रहेगा। ऐसे में आरोग्यता प्रदान करने वाली तुलसी हमारे लिए काफी सहायक होगी। इसको पीपली के साथ गुड़ में मिलाकर गोली बनाकर लिया जाय तो रामबाण की तरह काम करेगी। डाक्टर एसके राय ने हिन्दुस्थान समाचार से विशेष वार्ता में बताया कि तुलसी वात, कफ और पित का समन करती है। ऐसे समय में तुलसी वात का प्रकोप को बढ़ने नहीं देती। इस समय तुलसी का रस भी छोटे बच्चों का दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि औषधि ये गुणों से परिपूर्ण पौराणिक काल से प्रसिद्ध पतीत पावन तुलसी के पत्तों का विधिपूर्वक नियमित औषधितुल्य सेवन करने से अनेकानेक बीमारियां ठीक हो जाती है। इसके प्रभाव से मानसिक शांति घर में सुख समृद्धि और जीवन में अपार सफलताओं का द्वार खुलता है। यह ऐसी रामबाण औषधी है जो हर प्रकार की बीमारियों में काम आती है जैसे - स्मरण शक्ति, हृदय रोग, कफ, श्वास के रोग, प्रतिश्याय, ख़ून की कमी, खांसी, जुकाम, दमा, दंत रोग, धवल रोग आदि में चमत्कारी लाभ मिलता है। तुलसी एक प्रकार से सारे शरीर का शोधन करने वाली जीवन शक्ति संवर्धक औषधि है। वातावरण का भी शोधन करती है तथा पर्यावरण संतुलन बनाती है। इस औषधि के विषय में जितना लिखा जाए कम है। आयुर्वेदाचार्य ने बताया कि आयुर्वेद में तुलसी को संजीवनी बूटी के समान माना जाता है। आपके आंगन में लगा छोटा सा तुलसी का पौधा, अनेक बीमारियों का इलाज करने के आश्चर्यजनक गुण लिए हुए होता हैं। तुलसी में कई ऐसे गुण होते हैं जो बड़ी-बड़ी जटिल बीमारियों को दूर करने और उनकी रोकथाम करने में सहायक है। हृदय रोग हो या सर्दी जुकाम, भारत में सदियों से तुलसी का इस्तेमाल होता चला आ रहा है। होम्योपैथ सिद्धान्त में भी तुलसी को अमृतोपम मानते हैं। डाक्टर महेन्द्र पांडेय कहते हैं कि तुलसी अनेकानेक लक्षणों में लाभकारी औषधि है। सिर में दर्द, स्मरण शक्ति में कमी, बच्चों का चिड़चिड़ापन, आंखों की लाली, एलर्जी के कारण छीकें आना, नाक बहना, मुंह में छाले, गले में दर्द, पेशाब में जलन, दमा तथा जीर्ण ज्वर जैसे बहुत प्रकार के लक्षणों में तुलसी को होम्योपैथी में स्थान दिया गया है। हिन्दुस्थान समाचार/उपेन्द्र/राजेश-hindusthansamachar.in

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