मालदा विस्फोट मामले में फॉरेंसिक की राय पुलिस से अलग
मालदा विस्फोट मामले में फॉरेंसिक की राय पुलिस से अलग

मालदा विस्फोट मामले में फॉरेंसिक की राय पुलिस से अलग

कोलकाता, 21 नवम्बर (हि. स.)। मालदा के सूजापुर में प्लास्टिक कारखाने में विस्फोट से पांच श्रमिकों की मौत मामले में फॉरेंसिक जांच टीम की राय पुलिस से अलग बनती नजर आ रही है। विस्फोट के बाद बंगाल पुलिस की ओर से बयान जारी कर बताया गया था कि कारखाने में यांत्रिक गड़बड़ी के कारण विस्फोट हुआ है। दरअसल घटना के बाद भारतीय जनता पार्टी दावा कर रही थी कि प्लास्टिक कारखाने के अंदर बम एकत्रित किए गए थे। दो सदस्यीय फॉरेंसिक टीम सुजापुर में प्लास्टिक कारखाने में नमूने एकत्र करने के लिए मौके पर आई। उन्होंने तीन घंटे से अधिक समय तक जांच की और नमूने एकत्र किए। तीन दिन पहले पुलिस भर्ती केंद्र के सामने दोपहर के बाद बम धमाका हुआ। फॉरेंसिक टीम ने कहा कि अभी तक कोई विशेष जानकारी नहीं मिली है। इस समय यह कहना संभव नहीं है कि विस्फोट मशीन के कारण हुआ था। सैंपल एकत्र कर लिया गया है। विस्फोट का सही कारण इसे प्रयोगशाला में ले जाने और इसका परीक्षण करने के बाद पता चलेगा। सुजापुर में एक प्लास्टिक फैक्ट्री में गुरुवार सुबह अचानक तेज आवाज के साथ विस्फोट हुआ। तीव्रता इतनी अधिक थी कि पांच श्रमिकों की मौके पर ही मौत हो गई। अस्पताल ले जाते समय फैक्ट्री मालिक की मौत हो गई। करीब 12 मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के फौरन बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर राज्य के मंत्री फिरहाद हकीम मौके पर पहुंचे। राज्य सरकार ने मृतकों के परिवारों के लिए 200,000 रुपये और घायलों के परिवारों के लिए 50,000 रुपये के मुआवजे की घोषणा की है। हिन्दुस्थान समाचार/ओम प्रकाश/गंगा-hindusthansamachar.in

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