महालया के दिन गंगा घटों  पर पितृ तर्पण की तैयारी शुरु
महालया के दिन गंगा घटों पर पितृ तर्पण की तैयारी शुरु

महालया के दिन गंगा घटों पर पितृ तर्पण की तैयारी शुरु

कोलकाता, 14 सितम्बर (हि.स.)। इस महालया के अवसर पर मंदिर के घाटों पर तर्पण करने की अनुमति नहीं दिये जाने के फैसले पर चौतरफा आपत्ति होने के बाद प्रशासन ने फैसला बदल लिया है। अब कहा गया है कि गंगा घाटों पर हमेशा की तरह तर्पण की अनुमति होगी। यह जानकारी सोमवार को प्रशासन के सूत्रों की तरफ से दी गयी है। कोलकाता पुलिस इस साल भी महालया के दिन गंगा घाटों पर तर्पण की व्यवस्था करेगी। लेकिन हर किसी को कोरोना नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा। स्वास्थ्य नियमों को मानते हुये ही गंगा के तट पर तर्पण की लिए तैयारी शुरू हो गई है। गंगा घाट पर यदि कोई अकेले तर्पण कर्म के लिए आता है तो उसे किसी भी प्रकार से बाधा नही दी जाएगी। और उसके लिए प्रशासन के पास कोई कानून या निर्देश नही बनाये गए है। सूत्रों के अनुसार, प्रत्येक तर्पण करने वालों को एक दूसरे से छह फीट की दूरी पर बैठे या खड़े होकर म मंत्रों का पाठ करना होगा। पुलिस ने पुजारियों या तर्पण करने वालों को यथासंभव मास्क का उपयोग करने की सलाह दी है। प्रशासन की तरफ से समग्र व्यवस्थाओं को पूरा करने का निर्देश दिया है ताकि सुबह के समय से ही गंगा घाटों पर आने वाले हजारों श्रद्धालु सुरक्षित रूप से तर्पण के लिए पहुंच सकें। वहीं, पानी में दुर्घटना की स्थिति में आपदा प्रबंधन और गोताखोरी टीम के लिए तैयारी की गई है। उल्लेखनीय है कि महालया के दिन सुबह से ही हजारों लोग दक्षिणेश्वर में एकत्रित होने लगे। कुछ तर्पण के लिए आते हैं, कुछ माता के दर्शन के लिए आते हैं और मंदिर में पूजा करते हैं। इसके चलते देर रात तक दक्षिणेश्वर में लंबी लाइन लगी रहती है। और तड़के से शाम तक दक्षिणेश्वर के घाटों पर हजारों लोग की भीड़ जम जाती हैं। लेकिन इस बार, दक्षिणेश्वर मंदिर के अपने सिद्धान्तों पर दूसरी समितियों ने पुनर्विचार करने के लिए कहा गया है।हिन्दुस्थान समाचार /सुगंधी/मधुप-hindusthansamachar.in

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