भाजपा छोड़ तृणमूल में शामिल हुए विष्णुपुर विधायक तुषार कांति भट्टाचार्य
भाजपा छोड़ तृणमूल में शामिल हुए विष्णुपुर विधायक तुषार कांति भट्टाचार्य

भाजपा छोड़ तृणमूल में शामिल हुए विष्णुपुर विधायक तुषार कांति भट्टाचार्य

बांकुड़ा, 28 अगस्त (हि. स.)। बांकुड़ा में बिष्णुपुर सांगठनिक जिले के भाजपा नेता और बिष्णुपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक तुषार भट्टाचार्य शुक्रवार को भाजपा छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए है। बांकुड़ा जिला तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष और कोटुलपुर विधानसभा के विधायक अध्यापक श्यामल संतरा ने बांकुड़ा जिला तृणमूल भवन में तृणमूल कांग्रेस का झंडा थमाकर उन्हेंं पार्टी में शामिल किया। इस दौरान इंदास विधानसभा के विधायक गुरुपद मेटे, उप जिलाध्यक्ष शुभाशीष बटबैल, सुब्रत दरिपा समेत अन्य नेता उपस्थित थे। इस दौरान तुषार भट्टाचार्य के साथ बिष्णुपुर के 35 अन्य लोग आधिकारिक तौर पर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए। तुषार भट्टाचार्य ने पार्टी बदलने के बारे में कहा कि मैं अपने पुराने घर में लौट आया हूं। हमलोग राजनीति करने आए हैं तो लोगों का काम करना होगा। लेकिन ऐसा देखा गया है कि दूसरे जगह जाकर काम करना मुश्किल होता है। यही नहीं बल्कि दूसरे जगह पर काम करने का अवसर ही बंद हो गया है इसलिए आज हम लोग दोबारा तृणमूल में वापस आ गए हैं। जब तक मैं हूं, तब तक काम करूंगा। उन्होंने कहा कि मैं बिष्णुपुर में इस तृणमूल का पहला अध्यक्ष था और ममता दीदी के साथ उस रवींद्रनाथ भवन में पहली मुलाकात हुई थी। भाजपा के बारे में उन्होंने कहा कि भाजपा में जाना गुस्से का कारण था। मैं कभी भी तृणमूल के ऊपर गुस्सा नहीं था। अगर मैं गुस्से में होता तो मैं वापस नहीं आता लेकिन नाराजगी होने पर कम से कम उसे खत्म किया जा सकता था लेकिन दीदी (मुख्यमंत्री) के ऊपर मेरा अनुराग था जिसे बनाए रखते हुए मैं तृणमूल में शामिल हो गया हूं। उल्लेखनीय है कि 2016 के विधानसभा चुनावों में वह माकपा-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में तृणमूल के खिलाफ चुनाव हार गए थे। कुछ ही समय बाद वे तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। उनकी पार्टी बदलने को लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय में मामला अभी भी लंबित है। वे लोकसभा चुनाव की पूर्व संध्या पर भाजपा में शामिल हो गए और आज एक बार फिर वे तृणमूल कांग्रेस में लौट आये है। बांकुड़ा अंतर्गत विष्णुपुर सांगठनिक जिले के भाजपा अध्यक्ष हर काली प्रतिहार ने कहा कि जो लोग धंधेबाज होते हैं। वे हमारे भाजपा में लंबे समय तक नहीं रह पाएंगे, और आरोप लगा रहे हैं कि उन्हेंं काम करने में सक्षम नहीं हैं। विष्णुपुर वासियों से खबर लें कि वह पहले वे तृणमूल के समर्थन से कांग्रेस विधायक बन गए, जिसके बाद वे फिर वह तृणमूल में चले गए। फिर वह भाजपा में आ गए। जिसका अर्थ है कि उन्हें एहसास हुआ कि भाजपा में हेरफेर नहीं किया जाएगा, इसलिए वे तृणमूल के धंधेबाजी पार्टी तृणमूल कांग्रेस में वापस चले गए। भाजपा के डॉ. सुभाष सरकार ने कहा कि इससे भाजपा का कोई नुकसान नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल लोगों को डरा-धमकाकर उन्हें पार्टी में शामिल करने की कोशिश की जा रही है। इससे भाजपा को कोई नुकसान नहीं होगा। लोगों का भाजपा पर भरोसा बरकरार है। आगामी विधानसभा चुनाव में तृणमूल को कोई आधार नहीं मिलेगा। हिन्दुस्थान समाचार/सुगंधी/गंगा-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in