बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल पर लगाया लापरवाही का आरोप
बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल पर लगाया लापरवाही का आरोप

बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल पर लगाया लापरवाही का आरोप

डब्ल्यूबीसीईआरसी में दर्ज करवाई शिकायत उत्तरपाड़ा, 21 सितंबर (हि. स.)। हुगली जिले में उत्तरपाड़ा थाना अंतर्गत कोननगर के निवासी व कोलकाता हाईकोर्ट के पब्लिक प्रॉसिक्यूटर प्रदीप्त कुमार गांगुली ने कोलकाता के एक निजी अस्पताल पर इलाज में लापरवाही करने का गंभीर आरोप लगाया है। सोमवार प्रदीप्त गांगुली ने "हिंदुस्तान समाचार" से खास बातचीत के दौरान बताया कि जुलाई महीने के पहले सप्ताह में उनके सात वर्षीय बेटे पर्ण शुभ्र गांगुली को सर्दी जुकाम हुआ था। इसके बाद वे उसे लेकर स्थानीय चिकित्सक के पास गए जिसने मरीज को नेबुलाइजर लेने की सलाह दी। इसके बाद वे नेबुलाइजर लेने के लिए अपने साथ वर्षीय बेटे को अपनी पत्नी के साथ कोलकाता के एक निजी अस्पताल में लेकर गए। बच्चे को नेबुलाइजर तो अस्पताल की ओर से दिया गया। लेकिन इस दौरान अस्पताल की ओर से बार-बार यह कहा गया कि उनके बेटे की हालत बहुत खराब है और वे उसे तत्काल अस्पताल में भर्ती करवाएं। हालांकि नेबुलाइजर लेने के बाद सात वर्षीय पर्ण शुभ्र बिल्कुल ठीक था और वह खेल रहा था। लेकिन आरोप है कि मरीज के परिजनों को डरा धमकाकर जबरन उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया और भर्ती होने के तीन दिन बाद उसकी जान चली गई। उल्टे परिजनों से अस्पताल ने अस्पताल के बिल के रूप में दो लाख 64 हजार रुपये भी वसूल लिए। पीड़ित परिजनों का कहना है अस्पताल की लापरवाही के कारण उनके बेटे जान गई है। इस बाबत गत 16 सितंबर को उन्होंने वेस्ट बंगाल क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट रेगुलेटरी कमिशन में शिकायत भी दर्ज करवाई है और उन्हें अपने बेटे के मामले में न्याय चाहिए। इसके लिए वे अदालत का भी दरवाजा खटखटाएंगे। हिन्दुस्थान समाचार/धनंजय/गंगा-hindusthansamachar.in

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