जितेंद्र को मनाने की कोशिशें विफल, फिरहाद से नहीं ममता से करेंगे बात
जितेंद्र को मनाने की कोशिशें विफल, फिरहाद से नहीं ममता से करेंगे बात

जितेंद्र को मनाने की कोशिशें विफल, फिरहाद से नहीं ममता से करेंगे बात

कोलकाता, 15 दिसम्बर (हि. स.)। आसनसोल नगर निगम के मुख्य प्रशासक और पूर्व मेयर जितेंद्र तिवारी की नाराजगी दूर करने की कोशिशें विफल साबित होती दिख रही हैं। उन्होंने राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम के खिलाफ चिट्ठी लेकर नाराजगी जताई थी और राजनीतिक द्वेष के कारण केंद्रीय परियोजनाओं को रोकने का आरोप राज्य सरकार पर लगाया था। उन्होंने हकीम पर आसनसोल के विकास को बाधित करने और झूठा आश्वासन देने का आरोप भी लगाया था। इसके बाद उन्हें मंगलवार को कोलकाता बुलाया गया था। यहां फिरहाद हकीम के साथ बैठक होनी थी लेकिन वह नहीं आए। उन्होंने अपने करीबी सूत्रों को स्पष्ट कर दिया है कि वह केवल ममता बनर्जी से मिलेंगे। मंगलवार को उन्होंने आसनसोल नगर निगम में कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया है। इसी का हवाला देकर वह कोलकाता नहीं आए हैं। हालांकि तिवारी ने खुद इसके बारे में सीधे तौर पर कुछ नहीं कहा है। फिरहाद के साथ यह बैठक मंगलवार शाम होनी थी। बैठक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के कमैक स्ट्रीट कार्यालय में तय होनी थी। वहां से, राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर के संगठन, आईपैक की टीम काम करती है। प्रशांत को भी बैठक में उपस्थित होना था। हालांकि, जितेंद्र के करीबी सूत्रों के मुताबिक, फिरहाद या प्रशांत नहीं, वह केवल पार्टी सुप्रिमो और मुख्यमंत्री से बात करना चाहते हैं। ममता इस समय उत्तर बंगाल के दौरे पर हैं। उनका गुरुवार को शहर लौटने का कार्यक्रम है। बताया गया है कि जितेंद्र शुक्रवार को ममता से मिलना चाहते हैं। तृणमूल के एक वर्ग ने दावा किया कि जितेंद्र ने राज्य के मंत्री को फोन कर मिलने की इच्छा व्यक्त की थी। जितेंद्र की चिट्ठी के बाद तृणमूल महासचिव पार्थ चटर्जी और फिरहाद ने उन्हें वार्ता के लिए कोलकाता बुलाया था। जितेंद्र के करीबी सहयोगी दावा हैं कि जितेंद्र मंगलवार की बैठक में शामिल नहीं हुए, क्योंकि जितेंद्र का पत्र सामने आने के बाद, फिरहाद ने सार्वजनिक रूप से कहा कि यदि कोई पार्टी के खिलाफ कोई सार्वजनिक टिप्पणी किए बिना पार्टी छोड़ना चाहता है, तो वह छोड़ सकता है। ममता बनर्जी पहले ही कह चुकी हैं कि सभी के लिए दरवाजा खुला है। अगर कोई भी जाना चाहता है, तो वह जा सकता है। इसके बाद जितेंद्र ने भी फिरहाद पर हमला बोला था। इसी वजह से जितेंद्र तिवारी ने सीधे ममता बनर्जी से मुलाकात कर अपनी बात रखने की इच्छा जताई है। हिन्दुस्थान समाचार/ओम प्रकाश/सुगंधी-hindusthansamachar.in

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