कोरोना रिपोर्ट लेकर आने के जिला प्रशासन के फरमान पर बवाल
कोरोना रिपोर्ट लेकर आने के जिला प्रशासन के फरमान पर बवाल

कोरोना रिपोर्ट लेकर आने के जिला प्रशासन के फरमान पर बवाल

कोलकाता, 17 अगस्त (हि.स.)। पश्चिम मेदिनीपुर जिला प्रशासन की ओर से आम लोगों को प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात के लिए कोरोना जांच रिपोर्ट लेकर आने का फरमान जारी किया गया था। इसे लेकर विवाद गहराता जा रहा है। दरअसल गत शुक्रवार को पश्चिम मेदिनीपुर जिला प्रशासन में एक निर्देशिका जारी की थी। इसमें लिखा गया था कि बीडीओ, एसडीओ, डीएम सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात करने आने वालों को अपनी कोरोना वायरस जांच रिपोर्ट लेकर आनी होगी। नेगेटिव रिपोर्ट होने पर ही मुलाकात हो सकेगी। इसे लेकर विवाद गहराने लगा था। विपक्ष ने आरोप लगाया था कि आम लोगों से मुलाकात से बचने के लिए ही अधिकारियों ने इस तरह की निर्देशिका जारी की है। यह भी कहा जा रहा था कि कोई भी साधारण व्यक्ति जब चाहे तब अपनी कोरोना वायरस जांच करा ले और रिपोर्ट हाथ में आ जाए, यह इतना आसान नहीं है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल सरकार का इंफ्रास्ट्रक्चर भी इतना मजबूत नहीं है कि तुरंत जांच हो जाए। ऐसे में जिला प्रशासन ने इस तरह की विज्ञप्ति किसके निर्देश पर जारी की, इसकी जांच होनी चाहिए। इस निर्देशिका में यह भी लिखा गया था कि कोरोना वायरस जांच रिपोर्ट 10 दिन से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए। अब सोमवार को जिला प्रशासन ने इस निर्देशिका को वापस ले लिया है। आला अधिकारियों ने इस पर किसी भी तरह की सफाई देने से फिलहाल इनकार किया है। हिन्दुस्थान समाचार/ओम प्रकाश/गंगा-hindusthansamachar.in

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