केवल बंगाल निवासियों को ही मिलेगा सीयू में बी.टेक पढ़ने का मौका
केवल बंगाल निवासियों को ही मिलेगा सीयू में बी.टेक पढ़ने का मौका

केवल बंगाल निवासियों को ही मिलेगा सीयू में बी.टेक पढ़ने का मौका

कोलकाता, 18 दिसम्बर (हि. स.)। कलकत्ता विश्वविद्यालय (सीयू) के इंजीनियरिंग विभाग के बी. टेक कोर्स में दाखिले के लिए किये जा रहे विकेंद्रीकृत काउंसिलिंग में यदि कोई विद्यार्थी हिस्सा लेना चाहता है, तो उसे पश्चिम बंगाल का निवासी (डोमिसाइल) होना होगा। हाल ही में सीयू द्वारा जारी एक विज्ञप्ति जिसमें बी.टेक की 237 सीटों में रिक्त पड़े 89 सीटों को भरने के पश्चिम बंगाल ज्वाएंट एंट्रांस एक्जामिनेशन बोर्ड (डब्ल्यूबीजेईई) विकेन्द्रीकृत काउंसिलिंग की घोषणा की गयी है, उसमें सीयू द्वारा जारी इस नये शर्त के बारे में भी जानकारी दी गयी है। इस विज्ञप्ति में इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के फैकल्टी काउंसिल के सचिव अमित रॉय ने बताया है कि दाखिले में हिस्सा लेने वाले विद्यार्थियों का पश्चिम बंगाल का निवासी होना अनिवार्य है। किसी अन्य राज्य के विद्यार्थी को सीयू में दाखिला लेने का अधिकार नहीं होगा। सीयू के एक अधिकारी के अनुसार अभी तक इस प्रकार का कोई शर्त केन्द्रीयकृत काउंसिलिंग में लागू नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि जब पिछले वर्ष जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) ने बी. टेक कोर्स में डोमिसाइल पद्धति को लागू किया, उसके बाद से ही विश्वविद्यालय प्रशासन पर कुछ अध्यापकों व विद्यार्थियों का दबाव यहां भी डोमिसाइल लागू करने के लिए बढ़ता जा रहा था। गत 16 दिसम्बर से दाखिले के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया शुरू हुई है जो 21 दिसंबर तक चलेगी। मेधा के आधार पर जिन विद्यार्थियों का नाम डब्ल्यूबीजेईई की मेधा सूची में रहेगा, उन्हें दाखिला मिलेगा। सीयू के इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के फैकल्टी काउंसिल के सदस्यों का कहना है कि डोमिसाइल श्रेणी की सीटों पर दाखिले के लिए वहीं मापदंड हैं, जो डब्ल्यूबीजेईई द्वारा 2019 में जारी सूचना बुलेटिन में दी गयी थी। वर्ष 2019 तक सरकारी इंजीनियरिंग संस्थानों की सभी सीटें सभी राज्यों के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध होती थी। किन्तु अचानक डोमिसाइल पद्धति को लागू करने की आवश्यकता क्या हुई ? इस बारे में बताते हुए सीयू के एक अधिकारी ने बताया कि इंजीनियरिंग कोर्स में दूसरे राज्यों से आने वाले विद्यार्थियों के कारण राज्य के विद्यार्थियों को दाखिला नहीं मिल पाता था। इसी वजह से राज्य के विद्यार्थियों के लिए आरक्षण की आवश्यकता महसूस की गयी। इसी वजह से पिछले वर्ष जेयू में भी डोमिसाइल को लागू किया गया था। क्या है पश्चिम बंगाल के डोमिसाइल डब्ल्यूबीजेईई द्वारा वर्ष 2019 द्वारा जारी नियमानुसार जो छात्र पिछले 10 वर्षों से लगातार पश्चिम बंगाल का निवासी है, वैसे विद्यार्थियों को ही पश्चिम बंगाल का डोमिसाइल माना जाएगा। इसके साथ ही जिन विद्यार्थियों के माता-पिता राज्य के स्थायी निवासी हैं और जिनके पास राज्य का स्थायी पता हो, वैसे विद्यार्थियों को पश्चिम बंगाल का डोमिसाइल माना जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/ओम प्रकाश/सुगंधी-hindusthansamachar.in

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