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चुनाव से पहले ही लेना चाहते हैं उच्च माध्यमिक की प्रायोगिक परीक्षा

कोलकाता, 01 मार्च (हि. स.)। 27 मार्च से 29 अप्रैल तक आठ चरणों में आयोजित होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए राज्य में आये केन्द्रीय वाहिनी को यदि स्कूलों में रखा जाता है तो उच्च माध्यमिक की प्रायोगिक परीक्षाएं लेना उस समय संभव नहीं होगा। इसलिए राज्य के सरकारी स्कूलों ने प्रायोगिक परीक्षाओं को निर्धारित समय से पहले आयोजित करने का निर्णय लिया है। इससे पहले राज्य के उच्च माध्यमिक काउंसिल ने घोषणा की थी कि 10 से 31 मार्च के बीच प्रायोगिक परीक्षाएं ली जाएंगी। चुनाव तिथियों की घोषणा के बाद उच्च माध्यमिक काउंसिल ने स्कूलों से प्रायोगिक परीक्षा की तिथियों में अपनी सुविधानुसार बदलाव करने, लेकिन 31 मार्च के बाद नहीं करने की छूट दी है। उच्च माध्यमिक की प्रायोगिक परीक्षा की तिथियों में उच्च माध्यमिक काउंसिल द्वारा छूट देने के अगले दिन ही कई सरकारी स्कूलों ने एक मार्च से ही प्रायोगिक परीक्षाओं को शुरू करने की घोषणा की है। जिन स्कूलों ने प्रायोगिक परीक्षाओं की घोषणा कर दी है, हावड़ा जिले के ऐसे ही एक स्कूल के शिक्षक ने इस बारे में बताया कि स्थानीय पुलिस स्टेशन के अधिकारी स्कूल में आये थे और उन्होंने केन्द्रीय वाहिनी के यहां आने से पहले पूरे स्कूल का अच्छी तरह से जायजा लिया है। एक बार केन्द्रीय वाहिनी के आ जाने के बाद विद्यार्थियों और शिक्षकों को स्कूल में प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी। इसलिए हमारे पास परीक्षा को आगे लेकर आने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है। उत्तर 24 परगना जिले के एक अन्य सरकारी स्कूल के शिक्षक का कहना है कि परीक्षा को पहले आयोजित करने से विद्यार्थियों को तैयारी करने का न्यूनतम समय मिलेगा लेकिन हमारे पास कोई विकल्प नहीं है। अलीपुर मल्टीपर्पज गवर्नमेंट गर्ल्स स्कूल की प्रधानशिक्षिका शम्पा नायक ने बताया कि प्रायोगिक परीक्षाएं आठ मार्च से शुरू होगी। उल्लेखनीय है कि राज्य में 11 माह तक बंद रहने के बाद 12 फरवरी से स्कूलों को कक्षा 9वीं से 12वीं तक के लिए खोला गया था। स्कूलों को खोलने का प्रमुख कारण माध्यमिक व उच्च माध्यमिक की परीक्षा से पहले विद्यार्थियों को प्रायोगिक कक्षाओं की तैयारी करवाना था। हिन्दुस्थान समाचार/ ओम प्रकाश/गंगा

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