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मुख्यमंत्री के बातों पर विश्वास नहीं, मैदुल का परिवार नौकरी का लिखित वादे की की मांग

बांकुड़ा, 16 फरवरी (हि. स.)। डीवाईएफआई के नवान्न अभियान के दौरान पुलिस के साथ हुई झड़प में घायल हुए वाममोर्चा समर्थक मोईदुल इस्लाम मिद्दा (31) की सोमवार को मौत हो गयी है। जिसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मृतक के परिवार को नौकरी देने को कहा है। अब मोईदुल इस्लाम मिद्दा के परिवार ने दावा है कि मुख्यमंत्री ने इससे पहले भी कई मामलों में नौकरी का वादा किया। लेकिन सालों बीतने के बाद राज्य सरकार ने वह वादा निभाया है। इसलिए मुख्यमंत्री की बातों पर भरोसा नहीं है। इसलिए परिवार ने नौकरी का लिखित वादे की मांग की है। सुबह के समय जब शव दफनाने की प्रक्रिया शुरू हुई, तो परिवार के कई सदस्यों समेत मोईदुल की बहन नौकरी का वादा लिखित में देने की मांग की। परिवार वालों ने कहा कि जब तक इनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता तब तक वे मोईदुल के शव को दफनाने नहीं देंगे। परिवार प्रशासन के अधिकारी से लिखित वादा किए बिना शव को दफनाने के लिए राजी नहीं था। इसे लेकर मोईदुल के परिवार और ग्रामीणों के साथ कुछ समय तक चर्चा भी हुई। लेकिन बहस के बीच ग्रामीणों ने जबरन शव को लेकर दफनाने चले गए। जिसके बाद सुबह करीब 10 बजे के बाद जिले के कोतुलपुर एवं चोरकोला के निवासियों द्वारा शव को दफनाया गया। इस दौरान डीवाईएफआई के कई कार्यकर्ता और समर्थक भी मौजूद रहे। उल्लेखनीय है कि सोमवार को, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मारे गए एक डीवाईएफआई कार्यकर्ता के परिवार के सदस्य को नौकरी देने की बात कही। मोईदुल की पत्नी ने इस प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। मोईदुल का शव सोमवार रात कोलकाता से बांकुड़ा पहुंचा। जब सुबह शव दफनाने की प्रक्रिया शुरू हुई, तभी परिवार के कई सदस्यों समेत मैदुल की बहन, ने नौकरी लिखित में देने की मांग की। हिन्दुस्थान समाचार/सुगंधी/गंगा-hindusthansamachar.in

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