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किसान आंदोलन बनेगा बंगाल चुनाव में मुद्दा : बेचाराम मन्ना 

हुगली, 09 फरवरी (हि. स.)। कृषि कानून के खिलाफ लंबे समय से दिल्ली के बॉर्डर इलाकों में किसान आंदोलन चल रहा है। किसानों का आंदोलन से पश्चिम बंगाल भी अछूता नहीं है। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लगातार केंद्र सरकार के कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों का समर्थन किया है। अब पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में भी किसानों का आंदोलन मुद्दा बनेगा। मंगलवार अपराह्न हुगली जिले के हरिपाल लोक मंच में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए हरिपाल के विधायक बेचाराम मन्ना ने यह साफ कर दिया कि दिल्ली में चल रहा किसानों का आंदोलन पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में भी मुद्दा बनेगा। बेचाराम ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानून बनाकर किसानों के अधिकारों को छीनने की जा रही कोशिश को तृणमूल कांग्रेस बंगाल के जनता के बीच ले जाएगी और भाजपा के किसान विरोधी चेहरे पर से जनता के सामने पर्दा हटाएगी। कृषि कानून के खिलाफ सबसे पहले राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ही मुखर हुई थी। किसानों के आंदोलन के समर्थन में पश्चिम बंगाल में लगातार यहां के किसान रैलियों और धरने का आयोजन कर रहे हैं। यदि केंद्र सरकार ने किसान विरोधी कृषि कानून वापस नहीं लिया तो किसानों का आंदोलन बंगाल में और जोर पकड़ेगा। हरिपाल के विधायक ने वर्ष 2011 से लेकर अब तक ममता बनर्जी द्वारा किसानों के हित में किए गए कामों का लेखा-जोखा भी मीडिया के सामने रखा। हालांकि की प्रेस कॉन्फ्रेंस में हुगली जिला तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष दिलीप यादव और हुगली जिला तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता स्नेहाशीष चक्रवर्ती का आना प्रस्तावित था। परंतु प्रेस कॉन्फ्रेंस में हुगली जिला तृणमूल कांग्रेस की यह दोनों बड़े चेहरे कहीं भी नहीं दिखे। हिन्दुस्थान समाचार/धनंजय/गंगा-hindusthansamachar.in

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