10 सालों में राज्य में ममता नहीं सिर्फ निर्ममता ही दिखी है : बाबुल सुप्रियो
हावड़ा, 17 फरवरी (हि. स.)। बालीघाट रेलवे स्टेशन में दो लिफ्टों का शिलान्यास करने केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो पहुंचे। इस मौके पर उनके साथ बाली की विधायक वैशाली डालमिया भी पहुंची। इस उद्घाटन समारोह में पत्रकारों को संबोधित करते हुए सबसे पहले प्रसून बनर्जी के कार्यक्रम में नहीं आने पर कहा कि 'उन्हें कार्यक्रम में आने के लिए निमंत्रित किया गया था लेकिन वह क्यों नहीं आए यह समझ नहीं आ रहा है। हावड़ा उनका लोकसभा क्षेत्र है। उन्हें हावड़ा के विकास कार्यों में जरूर सहयोग देना चाहिए। लिफ्ट के शिलान्यास कार्यक्रम में उनका नहीं आना समझ से परे है, फिर भी मैं उनसे इस बारे में बात करूंगा। "राज्य में केंद्र ने कोई विकास कार्य नहीं किया है यहां सिर्फ ममता बनर्जी की सरकार ने काम किया है।" तृणमूल के इस दावे को लेकर पूछे गए सवाल पर बाबुल सुप्रियो ने कहा कि राज्य की ममता सरकार ने कितना कार्य किया है, यह सबको दिख रहा है। यहां की सरकार "खेला होबे" गाना बनाने में ही व्यस्त है। राजनीति कोई लड़कों का खेल नहीं है लेकिन ममता बनर्जी की सरकार ने इसे खेल बनाकर ही रख दिया है। पिछले 10 सालों में हमने राज्य में ममता बनर्जी को नहीं सिर्फ निर्ममता ही देखी है। पश्चिम बंगाल ही केवल एक ऐसा राज्य है जहां चुनाव के समय राजनीतिक हिंसाएं चरम पर पहुंच जाती हैं। मैं उन्हें एक निष्ठुर महिला के तौर पर देखता हूं। राज्य में विकास कार्यों को रोकने के लिए कितनी निष्ठुरता दिखाई दिखाई जा सकती हैं, यह ममता बनर्जी से ही सीखने को मिलता है। आसनसोल में मुझे रोकने के लिए तृणमूल ने कितनी हिंसा की है यह सभी जानते हैं। बाबुल सुप्रियो ने मौके पर मौजूद वैशाली डालमिया की तारीफ करते हुए कहा कि 'मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि वैशाली अगर आज भाजपा में ना होकर तृणमूल में होती तब भी वह बाली के विकास कार्य का हिस्सा जरूर बनतीं। यह काम मानवता से जुड़ा है और ऐसे कामों का हिस्सा बनने के लिए हमें राजनीतिक पार्टियों से ऊपर उठकर, मानवता के लिए आना आगे आना चाहिए। रेलवे स्टेशन में लिफ्ट का शिलान्यास करना चुनावी स्टंट है, पत्रकारों के इस सवाल का जवाब देते हुए बाबुल सुप्रियो ने कहा कि हर विकास कार्य को चुनाव से जोड़ना सही नहीं है। स्टेशन में लिफ्ट लगाने या किसी भी कार्य के पहले इंजीनियर्स और अधिकारियों द्वारा कई निरीक्षण किए जाते हैं। लिफ्ट के उद्घाटन का समय अप्रैल में दिया गया है लेकिन काम अगर समय से पहले हो गया तो पहले भी शुरू किया जा सकता है, तो इसे चुनाव से जोड़कर देखना सही नहीं होगा। यह हमारे मनोबल को कम करता है।हिन्दुस्थान समाचार/ओम प्रकाश/गंगा-hindusthansamachar.in