नए कृषि कानूनों से कार्पोरेट की दया पर रहेंगे किसान : काकोली घोष
कोलकाता, 14 जनवरी (हि. स.)। नए कृषि कानूनों को लेकर एक बार फिर तृणमूल कांग्रेस ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला है। पार्टी की बारासात से सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने गुरुवार को दावा किया कि नए कृषि कानून छोटे और सीमांत किसानों को बड़े कॉर्पोरेट घरानों की दया पर छोड़ देंगे। उन्होंने मांग की कि इस कानून को तुरंत निरस्त किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आलू और प्याज जैसी सब्जियों की कीमतें आसमान छू रही हैं, क्योंकि इन्हें आवश्यक वस्तुओं की सूची से निकाल दिया गया है। उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की अवधारणा पूरी तरह से दरकिनार की गयी है। जिस तरह से केंद्र ने संसदीय चर्चा के बिना अध्यादेश के माध्यम से कृषि कानूनों को जल्दी से पारित किया, वह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि केंद्र सरकार किसान विरोधी और जन विरोधी है। प्रेस कॉफ्रेंस में उन्होंने कहा कि किसानों को अब कंपनियों द्वारा तय की गयी कीमतों पर बड़े कॉरपोरेट्स को अपनी उपज बेचने के लिए मजबूर किया जाएगा। हालांकि, फसल खराब होने की स्थिति में, ये कंपनियां किसानों से उपज खरीदने के लिए बाध्य नहीं हैं। उन्होंने दावा किया कि पश्चिम बंगाल सरकार हमेशा किसानों के साथ रही है और उन्हें किसान क्रेडिट कार्ड प्रदान किए गए हैं। काकोली ने कहा कि नए कृषि कानून असंवैधानिक हैं और यह बताते हैं कि केंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारी कॉरपोरेट्स के लिए निभा रही हैं, न कि देश के लोगों के लिए। हिन्दुस्थान समाचार/ओम प्रकाश/सुगंधी-hindusthansamachar.in