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चुनाव बाद पूरा हो सकता है ईस्ट-वेस्ट मेट्रो की सुरंग खुदाई का कार्य

कोलकाता, 12 अप्रैल (हि. स.)। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में गंगा नदी के नीचे से बन रही बहुचर्चित ईस्ट-वेस्ट मेट्रो की सबसे महत्वपूर्ण सुरंग खुदाई का काम चुनाव बीतने के साथ ही पूरा हो सकता है। लगभग 450 मीटर की दूरी में खुदाई का कार्य पूरा हो जाने के बाद ही ईस्ट-वेस्ट मेट्रो में पश्चिम दिशा की ओर जाने वाले सुरंग का कार्य संपूर्ण हो जाएगा। इस वर्ष मार्च माह के पहले सप्ताह में सियालदह के विद्यापति फ्लाईओवर के निकट जो कार्य शुरू हुआ था, उस सुरंग में वर्तमान समय में बऊबाजार इलाके के बैंक ऑफ इंडिया मोड़ के निकट खुदाई का कार्य हो रहा है। मेट्रो के अधिकारियों को उम्मीद है कि यदि सबकुछ ठीक तरीके से होता रहा तो इस साल मई माह के तीसरे सप्ताह तक ईस्ट-वेस्ट मेट्रो में सुरंग खुदाई का कार्य टनेल बोरिंग मशीन (टीबीएम) उर्वी पूरा कर लेगी। यदि उर्वी अपना कार्य अच्छी तरह से पूरा कर लेती है तो ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर में जुड़वा सुरंग निर्माण का कार्य भी पूरा हो जाएगा। इससे हावड़ा मैदान से सियालदह तक जमीन के नीचे से संपर्क पथ भी तैयार हो जाएगा। अभी हावड़ा मैदान से एस्प्लेनेड तक जमीन के नीचे चार मेट्रो स्टेशन बनाने का कार्य काफी तेजी से किया जा रहा है। जिन स्टेशनों का निर्माण इस रूट में किया जा रहा है, उनमें हावड़ा मैदान, हावड़ा, बीबीडी बाग और एस्प्लानेड शामिल है। इसके अलावा सियालदह स्टेशन बनाने का कार्य भी काफी आगे बढ़ चुका है। हालांकि मेट्रो के इंजीनियरों का कहना है कि जब बऊबाजार से पश्चिम दिशा में जाने वाली सुरंग का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो जाता है, तब तक सियालदह स्टेशन निर्माण के अंतिम चरण को शुरू नहीं किया जा सकता है। इसका कारण बताते हुए कहा गया है कि उक्त सुरंग की खुदाई से जो कीचड़ बन रहा है, उसे सियालदह के रास्ते ही बाहर निकाला जा रहा है। इतना ही नहीं, आवश्यक यंत्रों को भी इसी रास्ते जमीन के नीचे पहुंचाया जा रहा है। मेट्रो सूत्रों की मानें तो अगले साल के मध्य तक फुलबगान से सियालदह तक ईस्ट-वेस्ट मेट्रो परिसेवा को शुरू करने की योजना है। इसीलिए सियालदह स्टेशन को सजाने का कार्य चल रहा है। वर्तमान में वहां दो चलायमान सीढ़ियां लगायी जा रही हैं। इसके साथ ही बऊबाजार में जमीन धंसने से फंसी टीबीएम चंडी को भी बाहर निकालने का कार्य शुरू किया गया है। उस स्थान पर जमीन के नीचे करीब 20 मीटर गहराई में एक चौकोर गड्ढ़ा खोदा जा रहा है। अभी चार मीटर की खुदाई की जा चुकी है। बताया जाता है कि इसी गड्ढ़े से होकर चंडी को बाहर निकाला जाएगा। वहीं सुरंग निर्माण का कार्य समाप्त कर उर्वी भी उसी गड्ढ़े के निकट ही पहुंचेगी। इसलिए उर्वी को भी उसी गड्ढ़े से बाहर निकाला जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/ओम प्रकाश/गंगा

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