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अभी तक नहीं खोला जा सका है चीनी नागरिक का लैपटॉप व आईफोन

कोलकाता, 14 जून (हि.स.)। पश्चिम बंगाल के मालदा जिला अंतर्गत मिरिक सुल्तानपुर में अवैध तरीके से सीमा पार करने के दौरान गत गुरुवार को गिरफ्तार किए गए 36 वर्षीय चीनी हान जूनवे का लैपटॉप और आईफोन रहस्यों से भरा है। पिछले दो दिन से जिला पुलिस की टीम उससे लगातार पूछताछ कर रही है। उत्तर प्रदेश एटीएस की टीम भी उससे पूछताछ के लिए बंगाल पहुंच गई है। सूत्रों ने बताया है कि गिरफ्तारी के तीन दिन बीत जाने के बावजूद उसका लैपटॉप और आईफोन नहीं खोला जा सका है। इसकी वजह है कि वह दोनों ही डिवाइस में पासवर्ड "मंडारिन" भाषा में रखा है। इसके अलावा इंटरनेट पर इसी भाषा में वह चैटिंग करता था। गत शनिवार को कोर्ट के निर्देश पर उसे 18 जून तक के लिए पुलिस हिरासत में लिया है। पूछताछ में यह भी पता चला है कि चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा संचालित विश्वविद्यालय का छात्र रह चुका है। वहां से उसने अंग्रेजी में पढ़ाई की है। इसके बाद उस पर चीन के लिए जासूसी करने का शक और पुख्ता हो गया। यह भी पता चला है कि वह 1300 भारतीय सिम ही नहीं बल्कि 1000 से ज्यादा महत्वपूर्ण डेटाबेस भी चीन भेज चुका है। चीन के हुबई प्रांत के निवासी हान को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) व अन्य जांच एजेंसियों ने पूछताछ के बाद हान को बंगाल पुलिस को सौंप दिया गया था। पुलिस ने दावा किया है कि चीनी नागरिक ने पूछताछ में बताया कि वह चीन में चुन शी गोंग चेंग विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में स्नातक है। दरअसल, यह विश्वविद्यालय चीनी सेना यानी पीएलए के नियंत्रण में है। आमतौर पर पीएलए या चीनी खुफिया विभाग द्वारा होनहार छात्रों को अंग्रेजी और अन्य भाषाओं का अध्ययन करने के लिए प्रायोजित किया जाता है और वे चाहते हैं कि ऐसे छात्र जासूसी में अपना करियर स्वीकार करें। गौरतलब है कि चीन की सेना और वहां का खुफिया विभाग लगातार भारत के खिलाफ काम कर रहा है। ऐसे में पीएलए के इस विश्वविद्यालय से हान के स्नातक करने के खुलासे के बाद जांच एजेंसियों का उस पर भारत के खिलाफ जासूसी करने का शक और गहरा गया है। हान भारत के लिए एक वांछित अपराधी भी रहा है। उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) को उसकी तलाश थी। उसके एक बिजनेस पार्टनर सन जियांग को यूपी एटीएस ने पिछले दिनों धोखाधड़ी के एक मामले में गिरफ्तार कर लिया था। जियांग ने ही एटीएस के समक्ष जूनवे और उसकी पत्नी की अवैध गतिविधियों व उन्हें भारतीय सिम भेजे जाने के संबंध में खुलासा किया था। हान ने इससे पहले बीएसएफ व अन्य एजेंसियों की पूछताछ में खुलासा किया कि उसने और उसके साथियों ने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके पिछले दो वर्षों के दौरान करीब 1300 भारतीय सिम कार्ड को अंडर गारमेंट्स में छिपाकर यहां से चीन ले जा चुका है। तस्करी की गई इन सिम कार्ड का इस्तेमाल बैंक खातों को हैक करने और वित्तीय धोखाधड़ी के लिए किया जाता है।बीएसएफ ने चीनी नागरिक के पास से बड़ी संख्या में संदिग्ध इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी बरामद किया है, जिसकी पड़ताल की जा रही है। वह पहले कम से कम चार बार भारत आ चुका है और दिल्ली के पास गुरुग्राम में उसका एक होटल भी है। सूत्रों ने बताया कि पूछताछ की पूरी रिपोर्ट एनआईए को दी गई है जो केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी जा रही है। हिन्दुस्थान समाचार / ओम प्रकाश

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