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नारद मामले में सीबीआइ को मिली तृणमूल विधायकों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करने की अनुमति

कोलकाता, 08 मई (हि.स.)। चुनाव जीतते ही तृणमूल कांग्रेस के विधायकों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बहुचर्चित नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में आरोपित तत्कालीन चार विधायकों के खिलाफ सीबीआइ को आरोपपत्र दाखिल करने की अनुमति दे दी है। ये चार विधायक हैं फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा और शोभन चटर्जी। इनमें से शोभन चटर्जी को छोड कर अन्य तीनों एक बार फिर तृणमूल के टिकट पर विधानसभा में चुन कर आये हैं। शोभन तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। बाद में बेहला पूर्व से टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने भाजपा छोड़ दी थी। नारद मामले में आरोपितों की सूची में शुभेंदु अधिकारी भी हैं जो अब भाजपा विधायक हैं। हालांकि उनका नाम अनुमोदन सूची में नहीं है। सीबीआइ ने कहा कि जिस समय मामला शुरू हुआ था, तब शुभेंदु एक सांसद थे। उनके मामले में लोकसभा अध्यक्ष मंजूरी देंगे। ऐसे में सवाल यह है कि क्या इन चार विधायकों के लिए विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति मांगी गई थी? इस बारे में विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने कहा, 'सीबीआइ ने मुझे कोई पत्र नहीं दिया है। उच्च न्यायालय ने मुझसे बार-बार पूछा है कि क्या सीबीआइ ने मुझे पत्र भेजा है कि आप विधायकों के खिलाफ जांच को मंजूरी दें। मैंने हमेशा कहा है कि हमें कोई पत्र नहीं मिला है।' हालांकि, विधि विशेषज्ञ विकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा, 'चूंकि नई विधानसभा का गठन अभी तक नहीं हुआ है, राज्यपाल इस मामले में अनुमति दे सकते हैं।' राज्यपाल द्वारा दी गई अनुमति के अनुसार, भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा सात के तहत अदालत में आरोप पत्र दायर किया जा सकता है। सीबीआइ के एक सूत्र के मुताबिक इस मामले में आरोपित छह सांसदों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने की आवश्यक अनुमति काफी समय पहले लोकसभा अध्यक्ष से मांगी गई थी। वह अनुमोदन अभी तक नहीं आया है। उल्लेखनीय है कि पत्रकार मैथ्यू सैमुअल ने 2014 में स्टिंग ऑपरेशन किया था । जिसमें कई तृणमूल नेताओं को कैमरे के सामने रिश्वत लेते देखा गया था। इनमें उस समय के तृणमूल नेता और वर्तमान में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व विधायक मुकुल रॉय भी हैं। हिन्दुस्थान समाचार / ओम प्रकाश/मधुप

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