बीएसएफ ने बांग्लादेश की महिला और उसके बच्चे को मानव तस्करों के चंगुल से बचाया
बीएसएफ ने बांग्लादेश की महिला और उसके बच्चे को मानव तस्करों के चंगुल से बचाया

बीएसएफ ने बांग्लादेश की महिला और उसके बच्चे को मानव तस्करों के चंगुल से बचाया

कोलकाता, 12 जुलाई (हि. स.)। पश्चिम बंगाल से सटी भारत बांग्लादेश सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की टीम को लेकर भले ही बांग्लादेश में बांग्लादेशी नागरिकों के साथ सख्ती बरतने के दुष्प्रचार किए जा रहे हैं। लेकिन एक बार फिर बीएसएफ ने सीमा पर एक महिला और उसके बच्चे को मानव तस्करों के चंगुल से बचाया है। रविवार अपराह्न बीएसएफ की ओर से जारी बयान में इस बारे में जानकारी दी गई है। बताया गया है कि विशेष सूचना के आधार पर दिनांक शनिवार को सीमा चौकी -गोजाड़गा, 153वीं बटालियन के जवानों ने एक विशेष अभियान चलाकर बांग्लादेशी महिला व उसके बच्चे को भारतीय महिला मानव तस्कर (दलाल) के चंगुल से मुक्त कराया। पकड़ी गई भारतीय महिला दलाल का नाम राईदा बीवी (उम्र लगभग 43 वर्ष) है। वह उत्तर 24 परगना जिले के बसीरहाट थाना क्षेत्र की निवासी है। दलाल के साथ पकड़ी गई बांग्लादेशी महिला का नाम रूपा दास (काल्पनिक) उम्र 20 वर्ष है वह बांग्लादेश के चुरालिया सतखीरा की निवासी है। रूपा के साथ उसकी दो वर्ष की पुत्री जिसका नाम तनु दास (काल्पनिक) थी। पूछताछ में रूपा दास ने स्वीकार किया कि वह छह महीना पहले भारत में पीपली गांव, उत्तर 24 परगना जिले के इलाके से अनजान दलाल (नाम याद नहीं) के माध्यम से प्रवेश की था। जिसके लिए दलाल ने उससे 13,000 बांग्लादेशी टका लिया था। उसके बाद रूपा दास गोबरडांगा मे अपने रिश्तेदार जिसका नाम पवन दास है, उसके यहां रुकी हुई थी। पवन दास पेशे से शिल्पकार है और 2014 से ही भारत में रहता है। दिनांक 11 जुलाई को छह माह बाद जब वह वापस अपने देश बांग्लादेश जाने के लिए तैयार थी तो उसके पति ने एक भारतीय दलाल जिसका नाम निरंजन सरकार (49) को ₹18,000 रुपये दिए। पकड़ी गई भारतीय महिला दलाल (तस्कर) राईदा बीवी से पूछताछ की गई तो पूछताछ के दौरान राईदा बीवी ने स्वीकार किया कि उसे निरंजन ने 1,000 रुपए दिए थे। इन बांग्लादेशियों महिला व उसके बच्चे को सीमा पार कराने के लिए। पकड़ी गई भारतीय महिला तस्कर (दलाल) व बांग्लादेशी महिला से पूछताछ के दौरान यह मौजूदा मामला वेश्यावृत्ति का लगता है क्योंकि अक्सर ऐसा होता है। आगे की कानूनी कार्यवाही के लिए महिला तस्कर व बांग्लादेशी महिला को बसीरहाट पुलिस स्टेशन में सौंप दिया गया हैl दक्षिण बंगाल फ्रंटियर की ओर से जारी हुए बयान में बताया गया है कि "शून्य तस्करी" के सिद्धांत के तहत जवानों की मुस्तैदी व सतर्कता इस कदर बढ़ी हुई है कि तस्कर व दलालों को बहुत मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। जिसकी वजह से दलालों ने भारत से बांग्लादेश सीमा को पार कराने के लिए प्रति व्यक्ति रुपए बढ़ा दिए हैं। हिन्दुस्थान समाचार/ओम प्रकाश/गंगा-hindusthansamachar.in

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