BJP will win all 51 seats in Kolkata: Shobhan
BJP will win all 51 seats in Kolkata: Shobhan

कोलकाता की सभी 51 सीटों पर जीतेगी भाजपा : शोभन

कोलकाता, 14 जनवरी (हि.स.)। एक दौर में ममता बनर्जी के बेहद करीबी रहे कोलकाता के पूर्व मेयर और भारतीय जनता पार्टी के नेता शोभन चटर्जी ने गुरुवार को दावा किया है कि विधानसभा चुनाव के दौरान कोलकाता की सभी 51 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी की ही जीत होगी। गुरुवार को वह अपनी महिला मित्र बैसाखी बनर्जी के साथ हेस्टिंग्स स्थित भाजपा के चुनावी दफ्तर में मीडिया से मुखातिब थे। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी से लोगों का मोहभंग हो चुका है और भारतीय जनता पार्टी को चुनने के लिए लोग तैयार बैठे हैं। चुनाव में ममता को हार का मुंह देखना पड़ेगा। चिटफंड मामले पर तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष के आरोपों का जवाब देते हुए उन्होने कहा कि बस में अगर कोई पॉकेटमार पकड़ा जाता है तो वह दूसरों की ओर उंगली कर कहता है कि वह पॉकेटमार है। वही हाल कुणाल घोष का है। सारदा मीडिया के सीईओ थे और लंबे समय तक अच्छी तनख्वाह लेते रहे हैं। चिटफंड में संलिप्तता के आरोप में जेल में भी रह चुके हैं। अब दूसरों पर आरोप लगा रहे हैं। चटर्जी ने कहा कि चिटफंड घोटाला हुए सात साल बीत गए हैं। भारतीय जनता पार्टी में मुझे शामिल हुए भी 14 महीने हो गए। अब जाकर कुणाल घोष को यहेसारी बातें याद क्यों आ रहे हैं? --- सीपीएम से भी बदहाल होगी तृणमूल की दशा - इस दौरान शोभन चटर्जी ने दावा किया कि विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी की हालत सीपीएम से भी बदतर होगी। उन्होंने कहा कि 2008 के पंचायत चुनाव में तत्कालीन वाममोर्चा सरकार में शामिल पार्टियां दक्षिण 24 परगना और पूर्व मेदनीपुर में बढ़त हासिल करने में सक्षम हुई थी। उसके बाद दक्षिण 24 परगना का तृणमूल का प्रभारी मुझे बनाया गया था और पूर्व मेदिनीपुर की जिम्मेवारी शिशिर अधिकारी को दी गई थी। अब मैं तृणमूल छोड़ चुका हूं और अधिकारी परिवार के साथ तृणमूल कांग्रेस के संपर्क पहले से ही खराब हैं। ऐसे में इस बार विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की हालत माकपा से भी खराब होगी। उन्होंने यह भी बताया कि अब वह प्रति सप्ताह सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को पार्टी दफ्तर में आएंगे। वहां पार्टी कार्यकर्ताओं उनके साथ सांगठनिक बैठक कर सकेंगे। हिन्दुस्थान समाचार / ओम प्रकाश/मधुप-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in