अमर्त्य सेन ने ममता को पत्र लिखकर कहा थैंक्यू, शांतिनिकेतन में बनेगा अलग विश्वबांग्ला विश्वविद्यालय
कोलकाता, 28 दिसम्बर (हि. स.)। गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा स्थापित विश्वभारती विश्वविद्यालय की जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर हुए विवाद के बीच नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर उनके समर्थन के लिए उन्हें धन्यवाद दिया है। अमर्त्य सेन ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री को ममता कहकर संबोधित करते हुए लिखा कि इतने व्यस्तता के बावजूद उन्होंने उन्हें सपोर्ट किया है। यह उन्हें स्पर्श किया है। आक्रमण के शिकार हुए लोगों के आप साथ हैं। आपके स्ट्रांग आवाज और जो हो रहा है, उसके प्रति आपकी समझ हमारी बहुत बड़ी शक्ति है। दूसरी ओर, ममता बनर्जी ने शांति निकेतन में राज्य सरकार के अधीन एक अलग विश्वविद्यालय विश्वबांग्ला विश्वविद्यालय बनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस विश्व विद्यालय में रवींद्रनाथ टैगोर के मुक्त शिक्षा की भावना को क्रियान्वित किया जाएगा। रविंद्र नाथ टैगोर की शिक्षा पद्धति का अनुशरण किया जाएगा। ममता बनर्जी ने कहा कि विश्व भारती के दोनों कैंपसों कालिसा से उपासना मंदिर तक की सड़क को पीडब्ल्यूडी विभाग अपने अधीन लेने का निर्णय किया है। इससे जगह-जगह विश्व भारती में जिस तरह से दीवार खड़ी की जा रही है, उसका समाधान होगा। उल्लेखनीय है कि ममता बनर्जी ने इसके पहले अमर्त्य सेन को पत्र लिखकर उन पर लगाए गए आरोप को लेकर क्षमा मांगी थी और उन्हें सपोर्ट देने की बात कही थी। सेन ने इसके पहले शनिवार को आरोप लगाया था कि विश्वविद्यालय के कुलपति केंद्र के इशारे पर कार्रवाई कर रहे हैं। सेन ने कहा था कि शांति निकेतन में उनके अधिकार वाली जमीन रिकॉर्ड में दर्ज है और पूरी तरह से लंबी अवधि के लिए पट्टे पर है। विश्वभारती ने उनका नाम उन लोगों की सूची में शामिल किया था जिन्होंने गैर कानूनी ढंग से अतिरिक्त जमीन पर कब्जा कर रखा है।हिन्दुस्थान समाचार/ओम प्रकाश/गंगा-hindusthansamachar.in