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माकपा व कांग्रेस गठबंधन का हाथ थामने की तैयारी में अब्बास, नए समीकरण हेतु फिर बंगाल आ रहे हैं ओवैसी

कोलकाता, 20 फरवरी (हि.स.)। पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी एक बार फिर बंगाल आ रहे हैं। जनवरी महीने के पहले सप्ताह में वह बंगाल आए थे और फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी से मुलाकात कर पश्चिम बंगाल में उन्हीं के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। उनके जाने के बाद अब्बास ने इंडियन सेकुलर फ्रंट (आईएसएफ) नाम से राजनीतिक पार्टी तो बनाई लेकिन ओवैसी से गठबंधन करने के बजाय वह माकपा कांग्रेस गठबंधन का हिस्सा बनने में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे हैं। इस बीच असदुद्दीन ओवैसी एक बार फिर राज्य के दौरे पर आने वाले हैं। उनकी पार्टी के बंगाल प्रभारी सैयद वसीम वकार ने शनिवार को बताया कि आगामी 25 फरवरी को ओवैसी बंगाल आ रहे हैं। यहां कई महत्वपूर्ण बैठकों को संबोधित करने के बाद वह अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में जनसभा भी कर सकते हैं और पदयात्रा में भी हिस्सा लेंगे। कोलकाता के मटियाबुर्ज इलाके में एक जनसभा को संबोधित करने वाले हैं। सूत्रों ने बताया है कि वह पश्चिम बंगाल में माकपा कांग्रेस गठबंधन के साथ शामिल होने की भी कवायद शुरू कर सकते हैं। इसके लिए दोनों ही पार्टियों के नेताओं के साथ उनकी बैठक हो सकती है। हालांकि कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक अब्दुल मन्नान ने साफ कर दिया है कि किसी भी कट्टरपंथी सोच वाले व्यक्ति के साथ उनकी पार्टी गठबंधन नहीं करेगी। पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी सत्ता का विकल्प बनकर उभरी है और तेजी से ममता बनर्जी को सत्ताच्युत करने के लिए आगे बढ़ रही है। ऐसे में ओवैसी सरीखे अल्पसंख्यकप्रिय व्यक्ति के बंगाल में चुनाव लड़ने पर मुस्लिम वोट बैंक के बंटने के आसार हैं। इसका नुकसान वैसे भी ममता बनर्जी को ही उठाना पड़ेगा और फायदा भाजपा को होगा। चुनाव से पहले ओवैसी का दोबारा बंगाल दौरा और जनसभा तथा पदयात्रा निश्चित तौर पर तृणमूल कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ाने वाला है। हिन्दुस्थान समाचार/ओम प्रकाश/गंगा

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