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पांचवें चरण के चुनाव से पहले बंगाल आ रहे हैं और 11 पुलिस पर्यवेक्षक

कोलकाता, 15 अप्रैल (हि. स.)। गत 10 अप्रैल को चौथे चरण के मतदान वाले दिन हुए हिंसा से सबक लेते हुए चुनाव आयोग ने पांचवें चरण के मतदान से पहले बंगाल में और 11 पुलिस पर्यवक्षकों की नियुक्ति करने का निर्णय लिया है। यहां पहले से 55 पुलिस पर्यवेक्षक हैं और पांचवें चरण में 11 अन्य परीक्षकों की नियुक्ति के साथ ही इसकी संख्या बढ़कर 66 हो जाएगी। सूत्रों ने बताया है कि चौथे चरण के मतदान के दौरान कूचबिहार जिले के सीतलकुची में सेंट्रल फोर्स पर हमले और फायरिंग में चार लोगों की मौत के बाद आयोग ने और अधिक पुलिस पर्यवेक्षकों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके अलावा 33 जनरल ऑब्जर्वर और 16 एक्सपेंडिचर ऑब्जर्वर रहेंगे। सीतलकुची की तरह घटना पांचवें चरण में ना घटे और किसी भी आपातकालीन परिस्थिति में तुरंत प्रशासनिक नियंत्रण किया जा सके इसलिए यह निर्णय लिया गया है। साधारणतया एक पुलिस पर्यवेक्षक के अधीनस्थ तीन से पांच विधानसभा क्षेत्र रहते हैं। कभी-कभी यह संख्या बढ़कर छह हो जाती है। अब और अधिक पर्यवेक्षकों की संख्या बढ़ जाने के बाद मतदान प्रक्रिया पर निगरानी और समन्वय में मदद मिलेगी। उल्लेखनीय है कि चुनावी हिंसा के लिए कुख्यात रहे पश्चिम बंगाल में इस बार भी चुनाव को शांतिपूर्वक तरीके से संपन्न कराने में चुनाव आयोग सफल नहीं रहा है। मतदान से पहले शांतिपूर्वक और निष्पक्ष माहौल में कराने के दावे आयोग की ओर से किए गए थे लेकिन फिलहाल चार चरणों के चुनाव के दौरान ये दावे धरे के धरे रह गए हैं और हिंसा लगातार जारी है। हिन्दुस्थान समाचार/ओम प्रकाश/गंगा

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