स्टोन क्रेशर को बंद कराने के मामले में हाई कोर्ट ने डायरेक्टर नेशनल वाइल्ड लाइफ से मांगा जवाब
स्टोन क्रेशर को बंद कराने के मामले में हाई कोर्ट ने डायरेक्टर नेशनल वाइल्ड लाइफ से मांगा जवाब

स्टोन क्रेशर को बंद कराने के मामले में हाई कोर्ट ने डायरेक्टर नेशनल वाइल्ड लाइफ से मांगा जवाब

नैनीताल, 20 अगस्त (हि.स.)। हाई कोर्ट ने नंधौर वन्यजीव अभ्यारण के इको सेंसेटिव जोन के 2.5 किलोमीटर की परिधि में संचालित लक्ष्मी स्टोन क्रेशर व आरजे एसोसिएट को बंद कराने के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई के बाद डायरेक्टर नेशनल वाइल्ड लाइफ को दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। गुरुवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रविकुमार मलिमथ एवं न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। चोरगलिया हल्द्वानी निवासी कमला पोखरिया ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि जिलाधिकारी नैनीताल ने हाई कोर्ट व एनजीटी के आदेशों का पालन नहीं कर दोनों स्टोन क्रेशरों को इको सेंसेटिव जोन में खनन व भंडारण की अनुमति दी गयी है। याचिकाकर्ता का कहना था कि हाई कोर्ट ने 03 जून 2018 को पारित आदेश में कहा था कि ऐसे क्षेत्र जो राष्ट्रीय वन्य जीव अभ्यारण की परिधि में आते है, उसके 10 किलोमीटर परिधि में किसी भी प्रकार का खनन व भंडारण नहीं किया जाएगा। इसी आदेश के अनुपालन में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 04 जनवरी 2019 को आदेश पारित किया था। याचिकाकर्ता का कहना था कि जिलाअधिकारी के आदेश पर रोक लगाई जाय और दोनों स्टोन क्रेशरों को बंद किया जाय। इनके संचालन से वन्य जीवों के साथ साथ उस क्षेत्र में रह रहे लोगो के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने डायरेक्टर नेशनल वाइल्ड लाइफ को दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए। हिन्दुस्थान समाचार / लता नेगी-hindusthansamachar.in

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