सिंगोली-भटवाड़ी हाइडल पॉवर प्लांट की टर्बाइंस  मंगलवार से घूमेंगी
सिंगोली-भटवाड़ी हाइडल पॉवर प्लांट की टर्बाइंस मंगलवार से घूमेंगी

सिंगोली-भटवाड़ी हाइडल पॉवर प्लांट की टर्बाइंस मंगलवार से घूमेंगी

एलएंडटी ने प्लांट की कमिशनिंग की शुरू एक महीने बाद किया जाएगा ट्रांसमिशन लाइंस को चार्ज 99 मेगावाट का है सिंगोली-भटवाड़ी हाइड्रोइलेक्ट्रिकल पॉवर प्लांट रुद्रप्रयाग, 21 सितम्बर (हि.स.)। 99 मेगावाट की सिंगोली-भटवाड़ी हाइड्रोइलेक्ट्रिक पवर प्लांट शुरू किये जाने की पूरी तैयारी हो गई है। मंगलवार से पॉवर प्लांट की टर्बाइंस का घूमना शुरू हो जाएगा। सालाना 400 मिलियन यूनिट्स नवीकरणीय ऊर्जा प्रदान करने की क्षमता वाली इस जल-विद्युत संयंत्र के चालू हो जाने से उत्तराखंड को काफी बल मिलेगा। रुद्रप्रयाग से लगभग 25 किमी दूर स्थित बेडूबगड़ में केदारनाथ हाईवे किनारे स्थित यह संयंत्र मध्यम-आकार के जलग्रहण तालाब वाले एक बांध, 12 किलोमीटर लंबी हेडरेस सुरंग और 180 मीटर से अधिक गहरे सर्ज शैफ्ट से जुड़ा है और इसके साथ पुनर्वास एवं पुनर्वास संबंधी कोई भी समस्या नहीं है। इस प्लांट में 33 मेगावाट वाले तीन-तीन वॉयथ टर्बाइन जेनरेटर्स की इकाइयां हैं, जो उत्कृष्ट स्विचयार्ड से लैस हैं। यह नवीनतम सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एक्विजिशन (एससीएडीए) टेक्नोलॉजी द्वारा नियंत्रित है। एससीएडीए सिस्टम्स को इस प्रकार से डिजाइन किया गया है कि प्लांट एवं इसके उपकरण जैसे कि टेलीकम्युनिकेशंस, वाटर एवं वेस्ट कंट्रोल की स्वचालित रूप से निगरानी एवं नियंत्रण हो सके, जिससे तुरंत निर्णय लिये जा सकें व संबंधित कदम उठाये जा सकें। यह न्यूनतम उत्पादन लागत पर निर्बाध विद्युत आपूर्ति उपलब्ध कराएगी। यही नहीं यह प्लांट दिन के दोनों अर्द्धांशों में से प्रत्येक में 2 घंटे का पीक डिमांड लोड भी उठायेगा, जिससे गैर-मानसूनी महीनों में भी राहत मिल सकेगी और बिजली की अधिकतम मांग की आवश्यकता पूरी की जा सकेगी। वेट कमिशनिंग की प्रक्रिया बिना विद्युतोत्पादन के आरंभिक टर्बाइंस की मशीन घूमने और विद्युत की आपूर्ति के लिए ग्रिड के साथ सिंक्रोनाइजेशन और विधिवत जांच के साथ शुरू हो गई है। ग्रिड सिंक्रोनाइजेशन और ट्रांसमिशन लाइंस की चार्जिंग अनुमानतः एक महीने में पूरी हो जाएगी और संयंत्र के उद्घाटन के साथ इसका समय तय है। लार्सेन एंड टुब्रो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक एसएन सुब्रह्मण्यन ने कहा कि दुर्गम भू-भागों, मानसूनी लहरों, प्राकृतिक आपदाओं जैसी विकट कठिनाइयों के बीच अपनी क्षमताओं को प्रदर्शित किया है और गढ़वाल हिमालय में इस आधुनिक हाइड्रोइलेक्ट्रिक पॉवर प्लांट को सफलतापूर्वक शुरू किया है। उत्तराखंड राज्य की विकास आवश्यकताओं के मद्देनजर यह संयंत्र इस क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक प्रमुख ढांचागत तत्व होगा, जिसका सपना केंद्र एवं राज्य सरकारों ने देखा है। एलएंडटी ने न केवल इस प्रोजेक्ट को तैयार व शुरू किया है, बल्कि अपनी प्रख्यात क्षमता के साथ इसका परिचालन भी करेगा। इस प्रोजेक्ट को सफलतापूर्वक पूरा करने में कई बाधाओं का सामना करना पड़ा है। दुर्गम पहाड़ी भू-भाग, घने जंगल और अत्यंत ठंडे मौसम के चलते संक्षिप्त कार्य समय, लैंड स्लाइड्स और मानसूनी बाढ़ की समस्याओं से जूझना पड़ा है। उपरोक्त चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड सरकार ने प्रोजेक्ट को पूरा करने की निर्धारित अवधि को आवश्यकतानुसार बढ़ाकर इसे पूरा करने में सहयोग दिया है। प्रदेश की ट्रांसमिशन यूटिलिटी पीटीसीयूएल ने प्रोजेक्ट साइट से लेकर निकटतम सब-स्टेशन के बीच 75 किलोमीटर की दूरी को जोड़ने वाले अब तक के तीव्रतम ट्रांसमिशन लाइंस में से एक को चलाकर इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में सहायता की। एलएंडटी के पूर्णकालिक निदेशक और सीनियर ईवीपी डीके सेन ने कहा कि हमारी कंस्टंक्शन टीमों ने निर्माण कार्यों के लिए सुरंगों की खुदाई के दौरान निकले अपशिष्ट पदार्थों का पुनरुपयोग करके पर्यावरण को कम से कम प्रभावित किया है। इसके अलावा ये क्षेत्र के पर्यावरणीय और सामाजिक विकास के कार्यों में भी जुटी हैं। हमें इस पहाड़ी क्षेत्र के लिए सड़कों एवं पूलों जैसे सार्वजनिक ढांचों का निर्माण करने, पानी के लिए पाइपलाइन्स बिछाने और शैक्षणिक एवं खेलकूद गतिविधियों में सहयोग देने पर गर्व है। बादल फटने, बाढ़ के प्रकोप, लैंड स्लाइड्स जैसी प्राकृतिक आपदाओं और कोविड-19 महामारी के दौरान स्थानीय समुदायों और जिला प्रशासन को भी सहयोग प्रदान करते रहे हैं। एलएंडटी की सिंगोली भटवाड़ी हाइडल पॉवर प्रोजेक्ट से उत्तराखंड बिजली के मामले में काफी हद तक आत्मनिर्भर हो सकेगा और सेवा, विनिर्माण, मूलभूत अवसंरचनात्मक विकास, चिकित्सकीय एवं धार्मिक पर्यटन के विकास के साथ-साथ उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रदेश में रोजगार के भारी अवसरों के सृजन के लिये शुरू की गई पहलों में महत्वपूर्ण रूप से मदद मिल सकेगी। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित डिमरी/मुकुंद-hindusthansamachar.in

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