शांतिकुंज में देवस्थान एकादशी पर शोभायात्रा
शांतिकुंज में देवस्थान एकादशी पर शोभायात्रा

शांतिकुंज में देवस्थान एकादशी पर शोभायात्रा

हरिद्वार, 25 नवम्बर (हि.स.)। तुलसी विवाह एवं देवोत्थान एकादशी के मौके पर बुधवार को देव संस्कृति विश्वविद्यालय परिवार, शांतिकुंज, ब्रह्मवर्चस शोध संस्थान के अंतेवासियों ने मंगल शोभायात्रा निकाली। युगऋषि की पावन समाधि स्थल से तुलसी मैया का वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजन कर शोभायात्रा प्रारंभ हुई। तुलसी मैया की पालकी एवं तुलसी रथ को मनभावन रूप से सजाई गई। शोभायात्रा का शांतिकुंज गेट नंबर एक में संस्था की अधिष्ठात्री शैलदीदी ने आरती एवं पूजन किया। उन्होंने सबके उत्तम स्वास्थ्य एवं मानसिक सुदृढ़ता की प्रार्थना की। ये सभी कार्यक्रम कोविड-19 के अनुशासनों का पालन करते हुए आयोजित हुए। अपने संदेश में अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि देवोत्थान एकादशी को तुलसी एकादश भी कहा जाता है। तुलसीजी को साक्षात् लक्ष्मीजी का निवास माना गया है। इस दिन तुलसी विवाह का भी आयोजन किया जाता है। प्राचीन ग्रंथों के अनुसार आज के ही दिन तुलसीजी का विवाह भगवान श्रीविष्णु के शालिग्राम रूप से कराया गया है। इसका सौभाग्य की प्राप्ति के रूप में उल्लेख मिलता है। देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि ज्योतिष गणना के अनुसार प्रबोधिनी एकादशी से भगवान विष्णु पुनः भूलोक आ रहे हैं और मांगलिक कार्यों का श्रीगणेश हो रहा है। इसलिए सभी अपने तन एवं मन की सुदृढ़ता के साथ आगे बढ़ते हुए इच्छित कार्यों को पूरा करने चाहिए। व्यवस्थापक महेन्द्र शर्मा, शिवप्रसाद मिश्र, श्यामबिहारी दुबे, उदयकिशोर मिश्र आदि ने भी विचार साझा किय। शोभायात्रा में देसंविवि के कुलसचिव बलदाऊ देवांगन सहित देसंविवि, शांतिकुंज एवं ब्रह्मवर्चस शोध संस्थान के एक हजार से अधिक पीतवस्त्रधारी नर-नारी उपस्थित रहे। सायं तुलसी विवाह को दिव्य कार्यक्रम आयोजित हुए। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत/मुकुंद-hindusthansamachar.in

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