शांतिकुंज में आसुरी वृत्ति पर विजय का महापर्व उल्लास के साथ मना
शांतिकुंज में आसुरी वृत्ति पर विजय का महापर्व उल्लास के साथ मना

शांतिकुंज में आसुरी वृत्ति पर विजय का महापर्व उल्लास के साथ मना

हरिद्वार, 25 अक्टूबर (हि.स.)। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में अच्छाइयों का बुराइयों से जीत का महापर्व दशहरा उत्सव प्रतीकात्मक रूप से मनाया गया। इस अवसर पर युगऋषि की पावन समाधि स्थल में प्रातःकालीन अंतेवासी भाइयों ने सामूहिक जप कर तन, मन से कमजोरियों, बुराइयों, अहं भाव पर जीत की प्रार्थना की। वहीं बुराइयों का अंत हो जैसे नारों के साथ पूरे परिसर में रैली निकाली गयी। यह रैली पावन समाधि वापस पहुंच कर सभा के रूप में परिवर्तित हो गयी। शांतिकुंज के कर्मठ भाइयों ने राक्षसी-आसुरी वृत्ति पर विजय प्राप्त करने के विविध सूत्र सुझाये। उल्लेखनीय है सामूहिक जप एवं रैली में कोरोना संक्रमणकाल के लिए सरकार व प्रशासन द्वारा निर्धारित सोशल डिस्टेसिंग, मास्क आदि के नियमों का पालन किया गया। अपने संदेश में गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि भगवान श्रीराम एवं उनकी सेना ने रावण तथा उसकी राक्षसी सेना को मार विजय प्राप्त किया था। उसकी याद में हम सब दशहरा का पर्व मना रहे हैं। आज युवा पीढ़ी को सत्प्रवृत्ति संवर्धन एवं दुष्प्रवृत्ति उन्मूलन के लिए कमर कसकर खड़े होने की जरूरत है। युवा प्रकोष्ठ के समन्वयक केदार प्रसाद दुबे ने कहा कि आज अपने अंदर की दुष्प्रवृत्तियों को उखाड़ फेंकने की जरूरत है, जिससे रामराज्य की स्थापना हो सके। सुधीर भारद्वाज ने कहा कि अपने अंदर के श्रीराम को जगायें। इस अवसर पर नरेन्द्र ठाकुर, राजकुमार वैष्णव, मोहन गौतम आदि सहित पाँच सौ से अधिक अंतेवासी कार्यकर्ता उपस्थित रहे। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत/मुकुंद-hindusthansamachar.in

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