विनोबा भावे  का चिंतन दिल, दिमाग और हृदय परिवर्तन करने वाला :स्वामी चिदानन्द सरस्वती
विनोबा भावे का चिंतन दिल, दिमाग और हृदय परिवर्तन करने वाला :स्वामी चिदानन्द सरस्वती

विनोबा भावे का चिंतन दिल, दिमाग और हृदय परिवर्तन करने वाला :स्वामी चिदानन्द सरस्वती

ऋषिकेश, 11 सितम्बर ( हि.स.)। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने भूदान आंदोलन के प्रणेता संत विनोबा भावे की जयंती पर शुक्रवार को उन्हें याद किया। उन्होंने कहा कि विनोबा भावे का चिंतन दिल, दिमाग और ह्रदय को बदलने वाला है। आज का दिन अद्भुत और अविस्मणीय है। उन्होंने कहा कि आज के दिन ही 1893 में शिकागो में आयोजित विश्व धर्म संसद में स्वामी विवेकानंद ने 5000 प्रतिनिधियों को मेरे अमेरिकी भाइयो एवं बहनो’ से सभी का अभिवादन कर अपने उद्बोधन से भारतीय संस्कृति, संस्कार और अध्यात्म की गंगा बहाई थी। स्वामी चिदानंद ने कहा उन्हें 100 साल बाद उसी मंच से सम्बोधित करने का अवसर मिला। वह स्थल अपने आप में प्रेरणा का प्रतीक है। दोनों महापुरुषों ने मानवता, राष्ट्रीयता और भारतीय संस्कृति को जीवंत बनाए रखने में अद्भुत योगदान दिया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि आज भारत माता के अनुपम लाल, भारतीय संस्कृति, संस्कारों एवं मूल्यों को समर्पित, अध्यात्म और विज्ञान के संगम राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत का जन्मदिन है। यह पावन दिवस है। उन्होंने मां गंगा एवं ईश्वर से उनके दीर्घायु होने की प्रार्थना की। स्वामी चिदानंद ने इस मौके पर युग पुरुष गोलवलकर जी उपाख्य गुरुजी के मंत्र इदं राष्ट्राय इदं न मम को याद करते हुए कहा कि संघ परिवार इन्हीं संस्कारों के साथ आगे बढ़ रहा है। हिन्दुस्थान समाचार/ विक्रम/मुकुंद-hindusthansamachar.in

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