यौवन पर फूलों की घाटी लेकिन पर्यटक नदारद
यौवन पर फूलों की घाटी लेकिन पर्यटक नदारद

यौवन पर फूलों की घाटी लेकिन पर्यटक नदारद

जोशीमठ, 03 जुलाई (हि.स.)। प्रकृति की अनमोल धरोहर विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी इन दिनों पर पूरे यौवन पर है, लेकिन इस बार कोरोना प्रकोप के चलते प्रकृति प्रेमी पर्यटकों के न आ पाने से फूल भी उदास और घाटी वीरान है। अनलाॅक-2 में धार्मिक स्थल तो खुल गए हैं लेकिन कोरोना के डर से प्रकृति प्रेमी फूलों की घाटी नहीं पहुंच रहे हैं। विश्व धरोहर फूलों की घाटी में इस बार यूं तो समय से पहले ही विभिन्न किस्म के रंगबिरंगे फूल खिलने लगे थे। लेकिन देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों की गैरमौजूदगी में फूलों की घाटी वीरान है। अभी पर्यटन को लेकर किसी प्रकार के स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी नहीं हो सके हैं, जिसके चलते फूलों की घाटी रेंज गोविंदघाट में तैनात वन विभाग ने भी फूलों की घाटी खोलने की दिशा में कोई पहल शुरू नहीं की है। यहां कि फूलों की घाटी के अंदर ग्लेशियर प्वांइट व अन्य स्थलों पर पैदल मार्गों की मरम्मत का काम भी शुरू नहीं हो सका हैं। इससे स्पष्ट है कि अभी फूलों की घाटी पर कोरोना का साया आगे भी जारी रहेगा। फूलों की घाटी 15 जून से लेकर15 अगस्त तक अपने पूरे यौवन पर रहती है। इस दो महीने की सीजन में यहां कोने-कोने में असख्य फूलों की बहार नजर आती है। देश व विदेश के पर्यटकों से घाटी में गुलजार रहती है। विगत दो-तीन वर्षों से तो भ्यॅूडार वैली का व्यवसाय फूलों की घाटी आने वाले पर्यटकों की बदौलत चल रहा है। क्योकि वर्ष 2013 की भीषण आपदा के बाद हेमकुंड साहिब, लोकपाल की यात्रियों में भी गिरावट देखी गई है।इससे मुख्य पड़ाव घांघरिया में व्यवसाय करने वाले स्थानीय लोगों को रोजी रोटी की समस्या हो रही है।लेकिन इस बार तो सब कुछ कोरोना की भेंट चढ गया है। फूलों की घाटी के रेंज आफीसर बृज मोहन भारती ने बताया कि अनलाॅक-2 में भी फूलों की घाटी खोलने के लिए अभी कोई दिशा निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं। उन्होंने बताया कि घाटी में बामडधैाड व घूसाधार ग्लोशियर प्वाइंट के अलावा अन्य कई स्थानों पर मार्गों की मरम्मत का कार्य भी अभी शुरू नहीं किया गया है। हिन्दुस्थान समाचार/प्रकाश कपरूवाण/ सुनील-hindusthansamachar.in

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