मनुष्य को इंसानियत से जोड़ने वाली शिक्षा ही कारगरः रामगोपाल
मनुष्य को इंसानियत से जोड़ने वाली शिक्षा ही कारगरः रामगोपाल

मनुष्य को इंसानियत से जोड़ने वाली शिक्षा ही कारगरः रामगोपाल

नई शिक्षा नीति पर आयोजित ब्लॉक स्तरीय विचार गोष्ठी में हुआ मंथन हरिद्वार, 30 अगस्त (हि.स.)।प्रारंभिक शिक्षा मातृ भाषा में होने के साथ सरकारी स्कूलों में भी पूर्व प्राथमिक कक्षाएं (नर्सरी व केजी) शुरू होनी चाहिए। इसके अलावा शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए कक्षा 5 व कक्षा 8 में बोर्ड परीक्षा की व्यवस्था की जानी चाहिए। यह सुझाव शिक्षा क्षेत्र के विद्वानों ने नई शिक्षा नीति पर आयोजित ब्लॉक स्तरीय विचार गोष्ठी में व्यक्त किए। रविवार का शिक्षा मंत्रालय के निर्देश पर नेशनल कन्या इण्टर कालेज खानपुर में खंड शिक्षा अधिकारी के संयोजकत्व में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर ब्लाक स्तरीय विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे ब्लाक प्रमुख रामगोपाल ने कहा कि मनुष्य को इंसानियत से जोड़ने वाली शिक्षा ही कारगर है। इस मौके पर खंड शिक्षा अधिकारी दीप्ति यादव ने कहा कि नई शिक्षा नीति से छात्रों के अन्दर आत्मविश्वास तथा संवेदनशीलता का संचार होगा। पूर्व खंड शिक्षा अधिकारी डाॅ. जगन्नाथ यादव ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार बच्चे की प्रारम्भिक शिक्षा मातृ भाषा में होगी, जिससे ड्राॅप आउट बच्चों की बढ़ती संख्या नगण्य हो जाएगी। नेशनल कन्या इण्टर कालेज के प्रधानाचार्य डाॅ. घनश्याम गुप्ता ने शिक्षा के स्तर में सुधार के लिये कक्षा 5 व कक्षा 8 में पुनः बोर्ड परीक्षा प्रारम्भ कराने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में सूचना के स्थान पर ज्ञान को महत्व दिया गया है। उन्होंने काॅन्वेन्ट स्कूलों की तर्ज पर सरकारी स्कूलों में भी नर्सरी, एलकेजी व यूकेजी कक्षाओं के संचालन को मील का पत्थर बताया। रा.उ.मा. विद्यालय गोवर्धनपुर के प्रधानाचार्य अरविन्द कुमार, बालावाली के जगन्नाथ पटेल तथा चन्दपुरी कलां के प्रधानाचार्य चरण सिंह ने भी नई शिक्षा नीति की मूल भावना की सराहना की। भगवान शंकर इण्टर कालेज के प्रधानाचार्य अनिल शर्मा ने माध्यमिक स्तर पर छात्रों की काउन्सलिंग करने तथा विद्यालयों को इच्छुक विद्यार्थियों की संख्या के अनुरूप एनसीसी तथा एनएसएस की सीटें आवंटित करने का सुझाव दिया। बीआरसी समन्वयक योगेश कुमार तथा विवेक सैनी ने कक्षा 8 तक संचालित निःशुल्क शिक्षा को कक्षा-12 तक बढ़ाये का प्रस्ताव रखा। कार्यक्रम अध्यक्ष रामगोपाल ने शिक्षा को इंसानियत से जोड़ने की बात की।विचार गोष्ठी का संचालन नेशनल कन्या इण्टर कालेज के भौतिक विज्ञान प्रवक्ता डाॅ. पारस चौधरी ने किया। इस अवसर पर प्रमोद खटाना, चौधरी. रामफल, लोकेश, बलराम गुप्ता, सुरेशचन्द कवटियाल, मांगेराम मौर्य, विशाल भाटी, शीतला प्रसाद पटेल, लोकेन्द्र, अखिलेश, सोमेन्द्र पंवार, अमित गर्ग, ओमपाल सिंह, बृजपाल, सुन्दरी, अशोक, संजय, शीशपाल, आदि मुख्य रूप से उपास्थित रहे। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत-hindusthansamachar.in

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