बैरागी अखाड़ों को तुरंत दी जाए बैरागी कैंप की भूमिः कैलाशानंद
बैरागी अखाड़ों को तुरंत दी जाए बैरागी कैंप की भूमिः कैलाशानंद

बैरागी अखाड़ों को तुरंत दी जाए बैरागी कैंप की भूमिः कैलाशानंद

हरिद्वार, 01 सितम्बर (हि.स.)। श्री दक्षिण काली पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि बैरागी कैंप भूमि संत महापुरुषों के धार्मिक क्रियाकलापों के लिए आरक्षित चली आ रही है। कुंभ मेलों में संतों द्वारा अपने देवों को पूजा जाता है। उन्होंने कहा कि तीनों अणी अखाड़ों के संत महापुरुषों की मांग को सरकार को अवश्य पूरा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि नियमानुसार संतों को लीज पर भूमि आवंटित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बैरागी कैंप क्षेत्र में बड़े पैमाने पर स्थायी अतिक्रमण किया गया है। अतिक्रमण पर शासन प्रशासन को संज्ञान लेते हुए उचित कार्रवाई को सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुंभ मेला नजदीक है। बैरागी कैंप क्षेत्र में संत महापुरुषों के शिविर स्थापित होते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले में अनावश्यक रूप से विवाद को नहीं बढ़ाना चाहिए। अतिशीघ्र तीनों अखाड़ों को भूमि उपलब्ध करायी जाए। स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि सभी बैरागी संत हमारे पूज्यनीय हैं। वह कभी संन्यासियों से अपने आपको अलग ना समझें। क्योंकि सभी संन्यासी संत अन्य बैरागी संतों के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं रखते हैं। उन्होंने राज्य की त्रिवेंद्र सरकार से मांग की कि जिस प्रकार अन्य संन्यासियों को भू समाधि के लिए भूमि उपलब्ध करायी जा रही है, उसी तर्ज पर बैरागी संतों को आरक्षित भूमि उपलब्ध करायी जाए। ताकि भविष्य में भी उन्हें कोई परेशानी ना हो और कोई विवाद उत्पन्न ना हो। स्वामी महाराज ने तीनों बैरागी अणी अखाड़ों के अध्यक्ष महंत धर्मदास, महंत राजेंद्रदास व महंत किशनदास महाराज से अपील करते हुए कहा कि वह अपने आपको संन्यासियों से बिल्कुल अलग मत समझें। सभी संन्यासी अखाड़े उनके साथ हैं। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत-hindusthansamachar.in

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