पॉलीटेक्निक संस्थानों कों बंद किए जाने पर सरकार बैक फुट पर
पॉलीटेक्निक संस्थानों कों बंद किए जाने पर सरकार बैक फुट पर

पॉलीटेक्निक संस्थानों कों बंद किए जाने पर सरकार बैक फुट पर

पौड़ी, 22 अक्टूबर (हि.स.)। जनपद के राजकीय पॉलीटेक्निक पौड़ी व पाबौ के बंद होने को लेकर सरकार ने रोलबैक कर लिया है। प्रवेश के लिए प्रथम ऑनलाइन काउंसिलिंग खत्म होते ही सरकार ने इन संस्थानों के यथावत रखे जाने का आदेश जारी कर दिया है। प्राविधिक शिक्षा निदेशक ने पौड़ी व पाबौ पॉलीटेक्निक संस्थान का संचालन यथावत रखे जाने का आदेश जारी करते हुए द्वितीय ऑनलाइन काउंसिलिंग के माध्यम से प्रथम वर्ष में प्रवेश प्रक्रिया शुरु किए जाने के निर्देश दिए हैं। संस्थानों के यथावत संचालन का आदेश आने के बाद छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों व शहरवासियों में खुशी की लहर है। प्राविधिक शिक्षा निदेशालय ने शिक्षा सत्र 2020-2021में न्यून छात्र संख्या वाले 9 राजकीय पॉलीटेक्निक के छात्रों को अन्य संस्थानों में शिफ्ट किए जाने का आदेश देते हुए भवन व भूमि उच्च शिक्षा विभाग को हस्तांतरित किए जाने का आदेश जारी किया था। जिसमें पौड़ी जिले का राजकीय पॉलीटेक्निक पौड़ी व पाबौ भी शामिल था। आदेश के बाद इन संस्थानों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को अन्य संस्थानों में शिफ्ट किए जाने की प्रक्रिया को अंतिम रुप दिया गया। साथ ही प्रथम वर्ष में प्रवेश प्रक्रिया भी बंद कर दी गई थी। सरकार के इस फैसले का जनता ने जोरदार विरोध किया। अब प्रदेश सरकार ने फैसले पर रोलबैक करते हुए इन सभी संस्थानों का संचालन यथावत रखने के आदेश जारी कर दिए हैं। 20 अक्टूबर को अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने निदेशक प्राविधिक शिक्षा को इन संस्थानों का संचालन जनहित में यथावत रखने के निर्देश दिए। जिसके बाद अब निदेशक प्राविधिक शिक्षा हरि सिंह ने संबंधित संस्थानों के प्रधानाचार्यों को शिक्षा सत्र 2020-2021 ऑनलाइन द्वितीय काउंसिलिंग के माध्यम से प्रवेश प्रक्रिया शुरु किए जाने के निर्देश दिए हैं। पाबौ में इलेक्ट्रीकल ट्रेड और पौड़ी में मैकेनिकल ट्रेड संचालित होता है। यहां प्रथम वर्ष में प्रवेश के लिए 25-25 सीटें निर्धारित की गई हैं। प्रधानाचार्य पौड़ी ओमवीर शर्मा व प्रधानाचार्य पाबौ देवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि संस्थान में अध्ययनरत छात्रों को शिफ्ट किए जाने की प्रक्रिया को बंद करते हुए प्रथव वर्ष में प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है। हिन्दुस्थान समाचार/राज-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in