देश को एकता के एक सूत्र में बांधती है संस्कृत: प्रो. मिश्र
देश को एकता के एक सूत्र में बांधती है संस्कृत: प्रो. मिश्र

देश को एकता के एक सूत्र में बांधती है संस्कृत: प्रो. मिश्र

केंद्रीय संस्कृत विवि देवप्रयाग में संस्कृत सप्ताह का समापन नई टिहरी, 11 अगस्त (हि.स.)। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर देवप्रयाग के संस्कृत सप्ताह का समापन हो गया है। इस मौके पर वक्ताओं ने ज्ञान-विज्ञान के लिए देववाणी संस्कृत की आवश्यकता पर जोर दिया। मंगलवार को श्रीरघुनाथ कीर्ति परिसर देवप्रयाग के संस्कृत सप्ताह का समापन मुख्य अतिथि व विभागाध्यक्ष वेदांत संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी के प्रो. सुधाकर मिश्र ने किया। उन्होंने कहा कि संस्कृत न केवल हमारी विरासत है, अपितु देश की एकता का सूत्र भी है। संस्कृत को उसका खोया गौरव मिलना चाहिए। देश में अधिक से अधिक संख्या में संस्कृत सीखनी और सिखायी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि संस्कृत के कारण ही हमारे पास प्राचीन ज्ञान सुरक्षित है। इसी भाषा के कारण विश्व में हमारा डंका बजता रहा है। विशिष्ट अतिथि व राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय तिरुपति के विभागाध्यक्ष वेदांत प्रो. गणपति भट्ट ने कहा कि सामाजिक समरसता के लिए संस्कृत का अध्ययन-अध्यापन आवश्यक है। यह भाषा जीवन में आनंद और प्रकाश लाने का कार्य करती है। देववाणी संस्कृत वसुधैव कुटुम्बकम का संदेश देती है। आज के परिप्रेक्ष्य में भारत ही नहीं संपूर्ण विश्व को इस भाषा को अपनाने की आवश्यकता है। परिसर निदेशक प्रो. केबी सुब्बारायुडू ने कहा कि ज्ञान-विज्ञान के लिए संस्कृत अनिवार्य है। उन्होंने उत्तराखंड की संस्कृत परंपरा को उद्घाटित करते हुए कहा कि देवप्रयाग स्थित परिसर उत्तराखंड ही नहीं पूरे देश के लिए अद्वितीय होगा। उन्होंने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ’निशंक’ का सपना है कि इस परिसर के माध्यम से उत्तराखंड को विश्व में संस्कृत की विद्यास्थली के रूप में पहचान मिले। इस मौके पर वेद विभागाध्यक्ष डॉ. शैलेंद्र प्रसाद उनियाल, डॉ. दिनेश चन्द्र पाण्डेय, डॉ. आर बालमुरुगन, डॉ. सच्चिदानंद स्नेही, डॉ. कृपा शंकर, डॉ. विजयपाल शास्त्री, प्रो. बनमाली बिश्वाल, अनिल कुमार, अरविंद गौर, वीरेंद्र बर्त्वाल, सुरेश शर्मा, पंकज कोटियाल, अवधेश बिजल्वाण, युवराज शर्मा, नवीन डोबरियाल आदि उपस्थित रहे। हिन्दुस्थान समाचार/प्रदीप डबराल/-hindusthansamachar.in

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