देवस्थानम बोर्ड की और तेज हुई लड़ाई
देवस्थानम बोर्ड की और तेज हुई लड़ाई

देवस्थानम बोर्ड की और तेज हुई लड़ाई

-पीआईएल दाखिल होने के बाद नजरें सर्वोच्च न्यायालय पर है टिकीं -राज्य सरकार के खिलाफ स्वामी व तीर्थ पुरोहित खडे़ हैं एक पाले में देहरादून, 22 अक्टूबर (हिस)। उत्तराखंड के चारों धामों समेत 50 छोटे-बड़े मंदिरों को एक छतरी के नीचे लाने वाले देवस्थानम बोर्ड पर लड़ाई अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गई है। हाई कोर्ट में इस मामले में जीत हासिल करने वाली राज्य सरकार अब सबसे बड़ी अदालत में इस लड़ाई को लड़ने के लिए चौकन्नी हो गई है। भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रहम्ण्यम स्वामी और तीर्थ पुरोहित इस मामले में राज्य सरकार के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ने की बात कर रहे हैं। त्रिवेंद्र सरकार ने पिछले साल चारों धामों और 50 से ज्यादा मंदिरों के संचालन के लिए देवस्थानम बोर्ड का गठन किया था। उत्तराखंड में तीर्थाटन को बढ़ावा देन के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माने जा रहे इस बोर्ड के गठन का ज्यादातर पक्षों ने स्वागत किया था, लेकिन तीर्थ पुरोहित और हक हकूकधारी सरकार पर हमलावर हो गए थे। सरकार ने हालांकि समय समय पर तीर्थ पुरोहितों को समझाने का प्रयास किया है, लेकिन लड़ाई सड़कों से लेकर न्यायालयों तक लगातार चल रही है। भाजपा सरकार के लिए सबसे बड़ी दिक्कत यह हो गई है कि उसके वोट बैंक माने जाने वाले तीर्थ पुरोहित और हकूकधारी ही अब उसके खिलाफ हो गए हैं। कानूनी मामलों के जानकार भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रहम्ण्यम स्वामी तीर्थ पुरोहितों के सबसे बडे़ पैरोकार बनकर उभरे हैं, जो कि हाईकोर्ट में इस लड़ाई को हारने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट में जोर लगा रहे हैं। देवस्थानम बोर्ड के मामले में अपनों के खफा हो जाने से सरकार असहज है, लेकिन इस निर्णय के पक्ष में ज्यादातर वर्गों की बेहद सकारात्मक प्रतिक्रिया ने उसे उत्साहित किया है। हाईकोर्ट में जीत के बाद उसका मनोबल इस मामले में काफी बढ़ा है और वह सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को भी अपने पक्ष में मानकर चल रही है। चार धाम यात्रा विकास परिषद के उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं के अनुसार, सरकार को पूरा भरोसा है कि देवस्थानम बोर्ड के मामले में उसके पक्ष को मान्यता मिलेगी, क्योंकि यह बोर्ड सभी के हितों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। तीर्थ पुरोहितों के संगठन बद्रीश पंचायत के अध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल का कहना है कि तीर्थ पुरोहित हर स्तर पर जाकर इस लड़ाई को लडे़ंगे और राज्य सरकार को निर्णय वापस लेने के लिए मजबूर कर देंगे। हिन्दुस्थान समाचार/विशेष संवाददाता-hindusthansamachar.in

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