डोबरा-चांटी पुल का श्रेय सुप्रीम कोर्ट कोः उपाध्याय
डोबरा-चांटी पुल का श्रेय सुप्रीम कोर्ट कोः उपाध्याय

डोबरा-चांटी पुल का श्रेय सुप्रीम कोर्ट कोः उपाध्याय

देहरादून, 06 नवम्बर(हि.स.)। टिहरी झील पर बने डोबरा-चांटी पुल पर राजनीति प्रारंभ हो गई है। पिछले दिनों भाजपा कार्यकर्ताओं ने डॉ. हरक सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को पुल से नहीं जाने दिया था। वहीं इसका श्रेय लेने की होड़ में पूर्व पीसीसी चीफ किशोर उपाध्याय उतर आये हैं। उन्होंने डोबरा-चांटी पुल ही नहीं बल्कि चिन्यालीसौड़ और घोंटी पुल को स्वीकृत करने में सुप्रीम कोर्ट की मुख्य भूमिका मानी है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने शुक्रवार को विशेष चर्चा में कहा कि डोबरा चांटी पुल को बनाने का श्रेय सुप्रीम कोर्ट को जाता है। उन्होंने कहा-' जब बांध की सुरंगे बन्द की गयीं तो पुनर्वास के मामलों की अनदेखी और यहां के विस्थापितों और प्रभावितों के साथ हुये धोखे पर मुझे वहां महापंचायतें आयोजित करनी पड़ीं और उसके बाद हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा।' किशोर उपाध्याय ने कहा कि कोर्ट भी इसलिये जाना पड़ा क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने बांध विरोध से सम्बन्धित एक पूर्व निर्णय में कहा था कि जब तक अन्तिम व्यक्ति का पुनर्वास नहीं हो जाता तब तक बांध की सुरंगे न बंद न की जाएं। दुर्भाग्यवश आज भी बांध विस्थापित और प्रभावित दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। उन्होंने बताया कि रौलाकोट, नन्दगांव तथा उप्पू आदि गांवों के लोग खतरे की जद में हैं और कई बार धरना प्रदर्शन कर चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट में जब हमने यह बात रखी कि प्रतापनगर को तो कालापानी बना दिया है, तब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार तथा टीएचडीसी को फटकार लगायी और कनेक्टिविटी की व्यवस्था करने को कहा, तब जाकर ये तीन पुल स्वीकृत हुए। उन्होंने कहा -'हमारे यहां यह बड़ी कमी है काम कोई और करता है श्रेय लेने के कई हाथ खड़े हो जाते हैं। बड़ा सवाल यह है कि हम कितने नालायक हैं कि एक पुल बनाने में 14 साल लग गये और पुल जब बन गया तो नेताओं को उद्घाटन की पड़ी है। इन नेताओं को जनता की तकलीफों की फिक्र नहीं है।' हिन्दुस्थान समाचार/ साकेती/मुकुंद-hindusthansamachar.in

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