जैव विविधता से ही बचेगी मानवताः डॉ माओ
जैव विविधता से ही बचेगी मानवताः डॉ माओ

जैव विविधता से ही बचेगी मानवताः डॉ माओ

हरिद्वार, 10 अगस्त (हि.स.)। चमन लाल महिला महाविद्यालय में जंतु विज्ञान विभाग एवं वनस्पति विज्ञान विभाग द्वारा बोटैनिकल सर्वे ऑफ इंडिया कोलकाता के तत्वावधान में जैव विविधता संरक्षण और हर्बल रिसर्च पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। देश के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने खाद्यान्न के साथ-साथ औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने पर जोर दिया। वेबिनार के शुभारंभ में चमन लाल महिला महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुशील उपाध्याय ने मुख्य बिंदुओं पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि पृथ्वी पर जीवन की पूर्णता को प्राप्त करने हेतु मानव जाति को विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधों की विभिन्न रूपों में आवश्यकता होती है। वर्तमान समय में पेड़ पौधों की दुर्लभ प्रजातियों को संरक्षित करने के लिए हमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सोचना होगा। इसके लिए ऐसी वैज्ञानिक रूपरेखा तैयार करनी होगी जिससे कि पृथ्वी पर महत्वपूर्ण एवं लाभदायक पेड़ पौधों की प्रजातियां बचाई जा सकें। मुख्य वक्ता बॉटनिकल सर्वे ऑफ इंडिया कोलकाता के डायरेक्टर डॉ. एए माओ ने मेडिसिनल प्लांट के संदर्भ में बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हमारे देश में वर्तमान समय में पेड़ पौधों के बचाव हेतु अनेक संस्थाएं कार्यरत है। वाइल्ड लाइफ सेंचुरी, बॉटनिकल गार्डन में पेड़ पौधों को आधुनिक पद्धतियों द्वारा बचाया जा रहा है। डॉक्टर माओ ने बताया कि कल्टीवेटेड मेडिसिनल प्लांट के द्वारा किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है, क्योंकि एग्रीकल्चर के माध्यम से महत्वपूर्ण औषधीय पौधों को उगा कर उनसे विभिन्न प्रकार की औषधियां तैयार की जा रही हैं। डॉक्टर माओ ने सुझाव दिया कि परंपरागत कृषि के साथ-साथ औषधीय पौधों को भी कृषि के रूप में उगाना चाहिए। विशिष्ट वक्ता बॉटनिकल सर्वे ऑफ इंडिया कोलकाता के मुख्य वैज्ञानिक डॉ सुधांशु शेखर दास ने कहा कि पूरे भारत में 17 मेगा डायवर्सिटी स्पाट हैं, जहां पर वातावरणीय प्रभाव के कारण माइक्रो एवं मेक्रो स्तर पर जैव विविधता अत्यधिक प्रभावित होती है। उन्होंने कहा कि मानवता के हित में हमें पेड़ पौधों के संरक्षण हेतु वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सोचने की जरूरत है। बॉटनिकल सर्वे ऑफ इंडिया रीजनल सेंटर देहरादून के मुख्य वैज्ञानिक डॉ हरीश ने मेडिसिनल प्लांट्स एवं उनके संरक्षण पद्धति पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। प्रोफेसर सुरेंद्र कुमार डायरेक्टर, आरडी यूनिवर्सिटी जबलपुर ने कोरोना के परिप्रेक्ष्य में बताया कि भारतीय पेड़ पौधों में वे कौन-कौन सी प्रजातियां वर्तमान में उपलब्ध हैं, जोकि मानव शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने एवं पोषण की कमी की प्रतिपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण हैं। इस राष्ट्रीय वेबिनार में देश के विभिन्न शैक्षणिक एवं शोध संस्थाओं से 853 प्रतिभागियों ने भाग लिया। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत-hindusthansamachar.in

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