गुरुगोबिन्द सिंह के परिवार ने कुर्बानियों की स्वर्णीम इबारत लिखी है: स्वामी चिदानन्द सरस्वती
गुरुगोबिन्द सिंह के परिवार ने कुर्बानियों की स्वर्णीम इबारत लिखी है: स्वामी चिदानन्द सरस्वती

गुरुगोबिन्द सिंह के परिवार ने कुर्बानियों की स्वर्णीम इबारत लिखी है: स्वामी चिदानन्द सरस्वती

ऋषिकेश, 24 दिसम्बर (हि.स.)। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने सिख धर्म के 10वें गुरू गुरूगोबिंद सिंह और उनके पूरे परिवार को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये कहा कि गुरू गोबिंद सिंह का पूरा परिवार 20 से 24 दिसम्बर के बीच शहीद हो गया था। पूरे परिवार ने अपने राष्ट्र की अस्मिता, गरिमा और अखंडता को बचाने के लिये अपना बलिदान कर दिया, ऐसे बलिदानी परिवार को कोटि-कोटि नमन। स्वामी ने कहा कि माता गूजरी और गुरूगोबिंद सिंह के दोनों छोटे बलिदानी पुत्रों तथा गुरुगोबिंद सिंह की कुर्बानियों का यह सप्ताह केवल सिख इतिहास में ही नहीं बल्कि भारत के इतिहास के लिये भी गौरव का दिन है। भारत की मिट्टी ने ऐसे बलिदानियों को जन्म दिया, जो अपनी मातृभूति के लिये हंसते-हंसते अपने परिवार को कुर्बान कर गये। गुरु गोबिंद सिंह जी की कुर्बानियों को यह राष्ट्र हमेशा गर्व के साथ याद करेगा। इतिहास के पन्नों पर कुर्बानियों की स्वर्णीम इबारत लिखी है और हमेशा लिखी रहेगी। उन्होंने बताया कि सन् 1704 में आनंदपुर पर हमले के बाद सरसा नदी पर उनका पूरा परिवार बिछुड़ गया। माता गुजरी, 7 वर्ष के जोरावर सिंह एवं 5 वर्ष के फतह सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें सरहद के नवाब वजीर खां के समक्ष पेश कर कैद कर दिया गया और कई दिन तक धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाया गया। परन्तु दोनों पुत्रों ने अन्याय और अधर्म के लिये अपना सिर नहीं झुकाया। अततः 26 दिसम्बर 1704 को वजीर खां ने उन्हें जिंदा चुनवा दिया। यह पूरा सप्ताह भारत के इतिहास का शहीदी सप्ताह है। हम सब भारत वासी भारत की एकता और अखंडता को बनाये रखे और सदभाव के साथ रहें यही शहीदी परिवार को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। हिन्दुस्थान समाचार /विक्रम-hindusthansamachar.in

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