गुरुकुल विवि का पुस्तकालय हुआ ऑनलाइन
गुरुकुल विवि का पुस्तकालय हुआ ऑनलाइन

गुरुकुल विवि का पुस्तकालय हुआ ऑनलाइन

हरिद्वार, 16 अक्टूबर (हि. स.)। हरिद्वार के गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय का पुस्तकालय अब ऑनलाइन हो गया है। पुस्तकालय में डेढ़ लाख पुस्तकों का संग्रह के साथ लगभग 6000 जर्नल का संकलन है। इसके अलावा अनेक प्राचीन पांडुलिपियां भी उपलब्ध हैं। कुलपति प्रोफेसर रूपकिशोर शास्त्री के निर्देश पर पुस्तकालय में दुर्लभ पुस्तकों, पांडुलिपियों और जर्नल्स का डिजिटलाइजेशन किया गया है। अब दुनियाभर में कहीं भी बैठा कोई भी व्यक्ति इन पुस्तकों व जनरल्स का ऑनलाइन अध्ययन कर सकता है। विश्वविद्यालय 1902 में स्थापित किया गया था। पुस्तकालय प्रभारी प्रोफेसर श्रवण कुमार शर्मा ने बताया कि स्वामी श्रद्धानन्द जी ने विश्वविद्यालय के स्थापना काल से ही पुस्तकालय को श्रेष्ठ बनाने के लिए प्राचीन एवं दुर्लभ पुस्तकों का संकलन किया, जो कि आज भी विश्वविद्यालय को विद्यमान है। विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में मौजूद ग्रंथों वेद पुराण उपनिषदों व अन्य प्राचीन ग्रंथों के अध्ययन के लिए देश दुनिया से अनेक लोग आते हैं। इसी के दृष्टिगत विश्वविद्यालय को अब नई तकनीकि (इंटरनेट) से जोड़ दिया गया है। पाठक अब इंटरनेट की सहायता से घर बैठे ही गुरुकुल कांगड़ी विश्विद्यालय की पुस्तकों व ग्रथों को पढ़ सकता है। पुस्तकालय इंचार्ज प्रो. श्रवण कुमार शर्मा ने विश्वविद्यालय में संचालित सभी विषयों की पुस्तकों को विश्व स्तर पर आनलाइन करा दिया है। जिसमें 6000 से ज्यादा जर्नल्स ऑनलाइन उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि चारों वेदों के भाष्यों तथा अन्य ग्रथों को ऑनलाइन करने कि प्रकिया की जा रही है। इसके साथ ही पुस्तकालय के दुर्लभ ग्रथों को भी ऑनलाइन करने की प्रकिया से जोड़ दिया गया है। विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. दिनेश चन्द्र भट्ट ने कहा कि वर्तमान में केन्द्रीय पुस्तकालय में विभिन्न पुस्तकों की लगभग 1,50,000 पुस्तकों से अधिक पुस्तकों का संग्रह है। केन्द्रीय पुस्तकालय में उपलब्ध अतिदुर्लभ पुस्तको का डिजिटिलाईजेशन के साथ ही पुस्तकालय में आने वाले पाठकों को कम्प्यूटर द्वारा ईश्यू रिर्टन एवं इन्टरनेट कि सुविधा प्रदान की जा रही है। कार्यभार पुस्तकालयाध्यक्ष डा. अनिल धीमान ने कहा कि हमारा उद्देश्य पुस्तकालय के क्षेत्र में छात्रों को अधिक से अधिक सुविधा उपलब्ध कराना है। वर्तमान में कोविड़ 19 के चलते पुस्तकालय के ऑनलाइन सर्च सुविधा के माध्यम से हम किसी पुस्तक को घर बैठे ही पढ़ सकते हैं। छात्र पुस्तकालय लाभ उठा रहे हैं। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत-hindusthansamachar.in

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