गहतोड़ी का प्रयास रंग लाया, बंद नहीं होगा पॉलिटेक्निक कॉलेज
गहतोड़ी का प्रयास रंग लाया, बंद नहीं होगा पॉलिटेक्निक कॉलेज

गहतोड़ी का प्रयास रंग लाया, बंद नहीं होगा पॉलिटेक्निक कॉलेज

चंपातव, 23 अक्टूबर (हि.स.)। जिला मुख्यालय का पॉलिटेक्निक कॉलेज फिलहाल बंद नहीं होगा। विधायक कैलाश गहतोड़ी की सक्रियता के चलते पॉलिटेक्निक कॉलेज में ताला लटकने से बच गया है। अब कॉलेज में एडमिशन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। पॉलिटेक्निक कॉलेज का भवन अब उच्च शिक्षा विभाग को नहीं दिया जाएगा। इस आशय के आदेश प्राविधिक शिक्षा निदेशक हरि सिंह ने बुधवार को जारी किए। शासन ने वर्ष 2014 में खुले पॉलिटेक्निक कॉलेज बंद होने करने की तैयारी शुरू कर दी थी। प्राविधिक शिक्षा विभाग ने विद्यार्थियों की कम संख्या के चलते चंपावत सहित प्रदेश के नौ संस्थानों में नए प्रवेश को बंद करने का एक तरह से ऐलान कर दिया था। पॉलिटेक्निक कॉलेज के भवन को उच्च शिक्षा विभाग को देने की तैयारी शुरू कर दी थी। विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाते हुए विरोध शुरू कर दिया था। इस बीच देहरादून पहुंचे विधायक कैलाश गहतोड़ी ने मामले को मुख्यमंत्री के समक्ष उठाया और कॉलेज बंद होने से युवाओं को होने वाली दिक्कतों से अवगत कराया। मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद प्राविधिक शिक्षा विभाग ने फिर से प्रवेश के लिए चंपावत को काउंसिलिंग में शामिल करने और संस्था के भवन को हस्तांतरित नहीं करने के आदेश दिए गए हैं। चम्पावत पॉलिटेक्निक के प्रभारी रोहित जोशी ने बताया कि 26 अक्तूबर से चार दिन तक काउंसिलिंग होगी। अलबत्ता यहां पढ़ रहे दस विद्यार्थियों को दूसरे संस्थानों को भेजे जाने के आदेश को अभी स्थगित नहीं किया गया है। नगर पालिका के किराये के भवन में खुले इस पॉलिटेक्निक में एक ट्रेड (इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन) चल रहा है। जगह की कमी से इलेक्ट्रिकल शाखा शुरू नहीं हो सकी है। राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज के बंद होने का अंदेशा खत्म होने से भाजपा गदगद है। पार्टी ने आतिशबाजी कर जश्न मनाया। मंडल अध्यक्ष कैलाश अधिकारी, पूर्व जिला पंचायत सदस्य मुकेश महराना आदि ने कहा कि विधायक कैलाश गहतोड़ी के प्रयासों से पॉलिटेक्निक कॉलेज पर लटकी तलवार हट सकी। विधायक इसे लेकर 16 अक्तूबर को दून में मुख्यमंत्री से मिले थे। इसके लिए कार्यकर्ताओं ने विधायक का आभार भी जताया। हिन्दुस्थान समाचार/राजीव मुरारी/मुकुंद-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in