कृषि विधेयक किसान हितैषी: पाण्डेय
कृषि विधेयक किसान हितैषी: पाण्डेय

कृषि विधेयक किसान हितैषी: पाण्डेय

हरिद्वार, 26 सितम्बर (हि.स.)। उत्तराखंड के विद्यालयी शिक्षा, प्रौढ़ शिक्षा, संस्कृत शिक्षा, खेल, युवा कल्याण एवं पंचायती राजमंत्री अरविन्द पाण्डेय ने शनिवार को डामकोठी में पत्रकार वार्ता में संसद में पारित कृषि बिल को किसानों के हित में बताया। उन्होंने कहा कि किसानों की पीड़ा को देखते हुये ही केन्द्र सरकार यह बिल लाई है। अभी तक कुछ तत्वों ने केवल अपने हित की राजनीति की है। यहां तक कि समाचार पत्रों में खबर भी छपवाई, लेकिन किसानों की स्थिति में सुधार लाने के लिये कोई काम नहीं किया, जिसका नतीजा यह हुआ कि किसान कर्जा लेने के लिये मजबूर हुआ। फसल तैयार होते समय अगर कोई प्राकृतिक आपदा या अन्य कारणों से फसल से आमदनी नहीं होती है तो किसान का कर्जा बढ़ता ही जाता था। ऐसी परिस्थितियों में किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो जाता है। ये हालात 70 साल से चले आ रहे हैं। पाण्डेय ने केंद्र सरकार का आभार जताते हुए कहा कि अब जो किसान की प्रति एकड़ लागत है, उस लागत का 50 प्रतिशत अतिरिक्त जोड़कर उसको लाभ दिया जाएगा तब एमएसपी लागू की जाएगी। यह आज तक के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने विधेयक में यह पक्की व्यवस्था की है कि फसल का एग्रीमेंट होगा, न कि किसान की जमीन का। उन्होंने कहा कि मेहनत तो किसान करता है, लेकिन उसका फायदा बिचौलिये उठाते रहे हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। किसान अब अपनी फसल बेचने के लिये स्वतंत्र है। वह बिना टैक्स दिये किसी भी बाजार में अपनी फसल को बेच सकता है। इस प्रकार से सभी टैक्सों से किसानों को बचाया गया है। किसानों की आय दोगुनी होगी। बिल में बिचैलियों को हतोत्साहित किया गया है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि कुछ राजनीतिक दल बिल के संबंध में किसानों को गुमराह कर रहे हैं तथा देश में अराजकता का माहौल पैदा कर रहे हैं। पीएम नरेन्द्र मोदी ऐसा कोई कार्य नहीं करते हैं जो किसानों के हित में न हो। वह हमेशा किसानों के हित की सोचते हैं। उन्होंने कहा कि अब धान की फसल कटनी शुरू हो गई है। एमएसपी के अनुसार भुगतान होगा । पाण्डेय ने कहा कि आम किसान विरोध नहीं कर रहा है। कुछ तत्व अपने हित साधने के लिये विरोध का माहौल बना रहे हैं। उन्होंने किसानों से बहकावे में न आने की अपील की है। पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जो निजी स्कूल ऑनलाइन शिक्षा नहीं दे रहे हैं और फीस ले रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। जो निजी स्कूल ऑनलाइन शिक्षा दे रहे हैं वह केवल सम्बन्धित फीस ले सकते हैं। उधर, मुख्य शिक्षा अधिकारी डाॅ. आनन्द भारद्वाज ने पत्रकारों को निजी स्कूलों द्वारा अधिक फीस लिये जाने के सम्बन्ध में बैठाई गयी जांच समिति के बारे में बताया कि उसकी रिपोर्ट आ चुकी है। अगर किसी निजी स्कूल ने नियमों के विरुद्ध ज्यादा फीस ली होगी तो उन्हें उस फीस को वापस करना होगा, अन्यथा उसकी मान्यता रद्द करने की कार्रवाई की जायेगी। प्रेस वार्ता में भाजपा जिला अध्यक्ष जयपाल सिंह चौहान, विधायक आदेश चौहान, सिटी मजिस्ट्रेट जगदीश लाल, मुख्य शिक्षा अधिकारी डाॅ. आनन्द भारद्वाज आदि उपस्थित रहे। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत/मुकुंद-hindusthansamachar.in

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