कार्यस्थल पर महिलाओं का शोषण रोकने के लिए समिति जरूरी: डॉ राजुल एल देसाई

कार्यस्थल पर महिलाओं का शोषण रोकने के लिए समिति जरूरी: डॉ राजुल एल देसाई
कार्यस्थल पर महिलाओं का शोषण रोकने के लिए समिति जरूरी: डॉ राजुल एल देसाई

हरिद्वार, 25 दिसम्बर (हि. स.)। उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के महिला प्रकोष्ठ के एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में शुक्रवार को राष्ट्रीय महिला आयोग सदस्य डॉ. राजुल एल देसाई ने कहा कि भारत सरकार एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशा-निदेशानुसार प्रत्येक विश्वविद्यालय में आंतरिक समिति का गठन होना आवश्यक है। यह समिति कार्य स्थल पर महिलाओं के उत्पीड़न, उनके शोषण तथा लैंगिक भेदभाव के संबंध में शिकायत मिलने पर तत्काल कार्रवाई करती है। उन्होंने कहा महिलाएं सीधे राष्ट्रीय महिला आयोग को भी शिकायत भेज सकती हैं। इनका निस्तारण विधिक प्रक्रिया के तहत न्यूनतम समय में किया जाता है। उन्होंने कहा कि आंतरिक एवं लोकल समिति में एनजीओ और कानूनी विशेषज्ञों का होना आवश्यक है। आंतरिक समिति के साथ ही लोकल समिति भी इसी प्रकार कार्य करेगी, जिसके अध्यक्ष जिलाधिकारी होंगे। शिकायतकर्ता की गोपनीयता कि रक्षा करना भी आंतरिक समिति का कार्य है। आयोग की सदस्य विश्वविद्यालय के महिला प्रकोष्ठ के कार्यों से संतुष्ट दिखीं। इससे पूर्व विश्वविद्यालय के महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डॉ. प्रतिभा शुक्ला ने महिला प्रकोष्ठ की कार्यप्रणाली से आयोग की सदस्य को अवगत कराया। कार्यक्रम में कुलपति प्रोफेसर देवीप्रसाद त्रिपाठी, कुलसचिव गिरीश अवस्थी, डॉ. सुमन प्रसाद भट्ट ,डॉ. अरुण कुमार मिश्र, प्रकोष्ठ की सदस्य डॉ. विंदुमती द्विवेदी , प्रकोष्ठ की सचिव डॉ. मीनाक्षी सिंह, मनमीत कौर, डॉ. उमेश कुमार शुक्ल, पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि एवं जिला बाल विकास विभाग के कार्यकर्ता उपस्थित रहे। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत/मुकुंद-hindusthansamachar.in

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