आध्यात्मिक व्यक्तित्व स्थितप्रज्ञ समानः डॉ पण्ड्या
आध्यात्मिक व्यक्तित्व स्थितप्रज्ञ समानः डॉ पण्ड्या

आध्यात्मिक व्यक्तित्व स्थितप्रज्ञ समानः डॉ पण्ड्या

हरिद्वार, 18 अक्टूबर (हि.स.)। अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि आध्यात्मिक व्यक्तित्व स्थितप्रज्ञ के समान होते हैं।व्यक्तित्व साधना से निखरता है। स्थितप्रज्ञ व्यक्ति असाधारण व्यक्ति होता है। वह परमात्मा के नजदीक पहुंच जाता है। उसका परमात्मा से एकाकार हो जाता है। शांतिकुंज से डॉ पण्ड्या नवरात्र साधना में जुटे देश-विदेश के साधकों को वर्चुअल संदेश दे रहे थे। उन्होंने कहाकि आध्यात्मिक जप, तप के साथ श्रेष्ठ साहित्यों का नियमित स्वाध्याय इसका सर्वोपरि विधान है। ज्योतिष गणना के अनुसार प्रस्तुत शारदीय नवरात्र कई दशक बाद अच्छा संयोग लेकर आया है। डॉ. पण्ड्या ने श्रीमद्भगवतगीता के दूसरे अध्याय का उल्लेख करते हुए स्थितप्रज्ञ के संबंध में अर्जुन एवं श्री कृष्ण के संवाद के माध्यम से विस्तृत प्रकाश डाला। डॉ पण्ड्या ने कहा कि विविध विषमताओं के समाधान पं. श्रीराम शर्मा आचार्य ने अपने साहित्य में लिख गए हैं। इन दिनों आवश्यकता है कि उसका अध्ययन, मनन एवं चिंतन करें, तभी विषम भाव के साथ समभाव का व्यवहार किया जा सकता है। अखिल विश्व गायत्री परिवार के मुख्यालय शांतिकुंज व देवसंस्कृति विश्वविद्यालय परिवार आत्मिक ऊर्जा के जागरण का महापर्व नवरात्र साधना करने जुटे साधकों के लिए साधना के साथ वर्चुअल सत्संग का भी आयोजन कर रहा है। साधक त्रिकाल संध्या में जप से आंतरिक ऊर्जा के लिए साधना करते हैं, तो वहीं बौद्धिक विकास के लिए सत्संग। अपने-अपने घरों में साधना में जुटे युवाओं के मन को सही दिशा देने एवं उनमें आंतरिक ऊर्जा को सकारात्मक रुख के साथ आगे बढ़ने के उद्देश्य से डॉ. प्रणव पण्ड्या तथा शांतिकुंज में वरिष्ठ परिजन साधकों का वर्चुअल मार्गदर्शन कर रहे हैं। शांतिकुंज मीडिया टीम इसका लाइव प्रसारण करती हैं। इस प्रसारण में भारत के अलावा अमेरिका, आस्ट्रेलिया, कनाडा सहित अनेक देशों के गायत्री साधक प्रतिदिन जुड़ते हैं। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत/मुकुंद-hindusthansamachar.in

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