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टनकपुर में प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला को अस्पताल में नहीं किया भर्ती, अस्पताल के गेट पर हुआ प्रसव

टनकपुर(चंपावत), 05 फरवरी (हि.स.)। संयुक्त चिकित्सालय में तैनात स्वास्थ्य कर्मियों ने प्रसव पीड़ा से तड़प रही एक महिला को इसलिए अस्पताल में भर्ती नहीं किया कि उसके पास जच्चा-बच्चा कार्ड मौजूद नहीं था। महिला के पति के यह कहने कि कार्ड वह घर पर भूल आया है। उसकी पत्नी बेहद दर्द महसूस कर रही है। उसे अस्पताल में भर्ती कर लें, वह कार्ड ले आएगा, इसके बावजूद महिला को अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया। प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला ने परिजनों की मदद से अस्पताल के गेट पर ही शिशु को जन्म दे दिया। इस घटना से अस्पताल परिसर में बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के खिलाफ धरना दे रहे राज्य आंदोलनकारियों में रोष फैल गया। उन्होंने अस्पताल कर्मियों को जमकर खरीखोटी सुनाई। इसके बाद जच्चा बच्चा को अस्पताल में भर्ती किया गया। सूचना पर एसडीएम हिमांशु कफल्टिया भी मौके पर पहुंचे और जच्चा बच्चा का हाल जाना। उन्होंने सीएमएस को मामले की जांच कर अवगत कराने को कहा है। फिलहाल जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ बताएं जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार शुक्रवार को शारदा नदी के डाउनस्ट्रीम छान में खनन का काम करने वाला सीतापुर निवासी सुभाष कश्यप अपनी गर्भवती पत्नी मीरा कश्यप को प्रसव के लिए अस्पताल लाया था। पत्नी को अस्पताल परिसर में बाहर बिठाकर वह पर्चा कटाने और महिला को भर्ती कराने के लिए अंदर गया। जहां उसे भर्ती कराने के लिए जच्चा-बच्चा कार्ड मांगा गया। इस पर मजदूर सुभाष ने कार्ड अपने घर पर ही भूल आने की बात कही। कहा कि अभी उसकी पत्नी को भर्ती कर लें। वह कार्ड बाद में जमा करा देना। मौके पर तैनात अस्पताल कर्मचारी ने कार्ड नहीं होने पर गर्भवती को भर्ती कराने से इंकार कर दिया। निराश सुभाष वापस लौटा तो प्रसूता पत्नी की हालत और खराब हो गई। महिला ने अस्पताल परिसर के गेट के पास ही शिशु को जन्म दे दिया। इसके बाद अस्पताल परिसर में खलबली मच गयी। स्वास्थ्य कर्मी भी सकते में आ गए। बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के खिलाफ अस्पताल परिसर में धरना दे रहे राज्य आंदोलनकारियों इस मामले में खासा रोष जताया। अस्पताल कर्मियों को जमकर खरीखोटी सुनाई गई। तब जाकर अस्पताल कर्मियों ने जच्चा बच्चा को अस्पताल में भर्ती किया। सूचना पर एसडीएम हिमांशु कफल्टिया भी अस्पताल पहुंच गए। उन्होंने मामले की जानकारी ली और जच्चा बच्चा का हाल जाना। एसडीएम ने बताया है कि उन्होंने अस्पताल पहुंच कर जच्चा बच्चा दोनों के स्वास्थ्य के बारे में परिजनों से जानकारी ली। संयुक्त चिकित्सालय में तैनात कर्मियों की इस तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी तरह का इमरजेंसी केस आने पर उसे इमरजेंसी वार्ड पर तत्काल भर्ती कराया जाए। उसके बाद आगे की कार्रवाई शुरू की जाए। उन्होंने सीएमएस को मामले की जांच कर अवगत कराने को कहा है। वहीं सीएमएस डाॅ.एचएस ह्यांकी की ओर से कहा गया है कि हम लोग टीकाकरण में व्यस्त थे, इसलिए यह पता नहीं चल सका कि युवक प्रसूता को लेकर अस्पताल कब पहुंचा। अस्पताल प्रशासन की ओर से गर्भवती को भर्ती नहीं किए जाने की बातें बेबुनियाद है। हो सकता है कि युवक डिलीवरी के अंतिम क्षणों में ही अस्पताल पहुंचा हो। इससे डिलीवरी परिसर में हो गई हो। अगर युवक के पास जच्चा बच्चा कार्ड होता तो पर्ची कटाने की जरूरत नहीं पड़ती। उसे सीधे भर्ती कर लिया जाता। इसमें कुछ समय लग गया होगा। प्रसूता और नवजात बच्चा बिल्कुल ठीक है। दोनों को भर्ती कर उपचार दिया जा रहा है। हिंदुुस्थान समाचार/राजीव मुरारी-hindusthansamachar.in

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