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उत्तराखंड की देवमयी संस्कृति को विश्व विरासत बनाएंगेः गांववासी

नई टिहरी, 10 फरवरी (हि.स.)। हरिद्वार कुंभ के मद्देनजर देवभूमि के सभी देवी-देवताओं की डोलियों को भव्य शोभायात्रा के साथ स्नान करवाने की तैयारियों को लेकर श्री देव भूमि लोक संस्कृति विरासतीय शोभायात्रा समिति की बैठक बुधवार को पूर्व काबीना मंत्री मोहन सिंह गांववासी की अध्यक्षता में प्रथम केदार बेलेश्वर धाम भिलंगना में आयोजित की गई। इस मौके पर गांववासी ने कहा कि उत्तराखंड की इस देवमयी संस्कृति को विश्व विरासत बनाने का काम किया जाएगा। सतयुग से ही हरिद्वार में कुंभ स्नान होता रहा है। सनातनी संस्कृति का विकास वेदों से हुआ है। उन्होंने कहा कि विश्व में मानव सभ्यता के पहले ध्वजवाहक उत्तराखंडवासी हैं। सौरमंडल के संयोग से ही कुंभ आयोजन होता है। उत्तराखंड के देवी देवताओं को कुंभ स्नान का महत्व है। इस वर्ष 24 व 25 अप्रैल को स्नान का आयोजन किया जाएगा। कोविड गाइड लाइन के दायरे में सेमनागराजा श्रीकृष्ण व बद्री विशाल के ध्वज तले देवी-देवताओं की शोभायात्रा निकाली जाएगी। कुंभ स्नान के सभी देवी-देवताओं को समित के माध्यम से आमंत्रण भेजा जा रहा है। इस मौके पर संत नागेंद्र महाराज, शूरवीर सिंह मटूड़ा, तेजराम सेमवाल, हुकुम सिंह रावत, हर्षमणी उनियाल, सुरेद्र दत्त मैठाणी, हरीश तिवारी, प्रताप सिंह सजवाण, दर्शन लाल आर्य, विनोद जोशी, हरिकृष्ण, विनोद बडोनी, शैलेंद्र रतूड़ी, सुशील कोटनाला आदि मौजूद रहे। हिन्दुस्थान समाचार/प्रदीप डबराल/मुकुंद-hindusthansamachar.in

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