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तपोवन आपदा क्षेत्र में ग्रामीणों ने वैकल्पिक पुल तैयार किया

गोपेश्वर, 16 मार्च (हि.स.)। तपोवन-रैंणी आपदा में पुल क्षतिग्रस्त होने से तीन किलोमीटर की दूरी नाप कर सड़क मार्ग तक पहुंच रहे जुग्जू के ग्रामीणों ने यहां अपने खर्च से वैकल्पिक पुल का निर्माण किया है। ग्रामीणों ने स्वयं के संसाधनों और श्रमदान से धौली गंगा के तट पर लकड़ियों का पुल तैयार किया है। अब ग्रामीणों को सड़क मार्ग तक पहुंचने के लिये मात्र एक किलोमीटर की पैदल दूरी नापनी पड़ेगी। सात फरवरी को आई तपोवन-रैंणी आपदा के दौरान जुग्जू गांव को मलारी हाईवे से जोड़ने वाला पैदल पुल क्षतिग्रस्त हो गया था। इसके बाद प्रशासन ने यहां ट्राली लगाने का प्रयास किया। नदी की चौड़ाई अधिक होने के चलते यहां ट्राली नहीं लगाई जा सकी। ऐसे में यहां जुग्जू गांव के 14 परिवारों के 45 लोगों को यातयात की सुविधा के लिये तीन किलोमीटर क्षतिग्रस्त पड़े पैदल रास्ते से आवाजाही करनी पड़ रही थी। यह पुल मंगलवार को रैंणी और जुग्जू गांव के ग्रामीणों ने तैयार किया। स्थानीय निवासी मुरली सिंह रावत ने कहा कि घाटी में झूला पुल का निर्माण किया जा रहा है। उसमें दो माह से अधिक का समय लगने की सम्भावना है। आवाजाही में हो रही दिक्कतों को देखते हुए वैकल्पिक पुल का निर्माण किया गया है। इसमें अवतार सिंह, केसर सिंह, कविन्द्र सिंह, महेंद्र सिंह, इन्द्र सिंह, बचन सिंह, संग्राम सिंह, रघुवीर राणा, देवेश्वरी, रीना, विसना देवी आदि मौजूद रहे। हिन्दुस्थान समाचार/जगदीश/मुकुंद

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