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उत्तराखंड को विश्व का पसंदीदा फिल्म डेस्टिनेशन बनाया जाएगा:सतपाल महाराज

देहरादून, 22 फरवरी (हि. स.)। प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि राज्य में फिल्मों की शूटिंग को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार कृतसंकल्प होकर काम कर रही है। उत्तराखंड को दुनिया का पसंदीदा फिल्म डेस्टिनेशन बनाने के लिए के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। वर्ष 2021 में हमारा फोकस प्रसिद्ध निर्माता-निर्देशकों को अपनी लोककथाओं से परिचित कराने और उन्हें बढ़ावा देंने पर है ताकि उन कहानियों पर सीरीज और फिल्में बन सकें। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में अंग्रेजों के समय से रुडयार्ड किपलिंग, रस्किन बॉन्ड, अरविंद अडिगा, स्टीफन आल्टर आदि लेखकों ने खूबसूरत हिमालय की गोद में बैठ कर अपनी कहानियों को आकार दिया है। पहले फिल्मकार उत्तराखंड आकर केवल वन अनुसंधान संस्थान, नैनीताल और मसूरी में ही ज्यादातर शूटिंग करना चाहते थे। हाल के वर्षों में कम जानी मानी जगहें भी लोगों के ध्यान में आ रही हैं। पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि अब हम सक्षम फिल्म निर्माताओं को यहां शूटिंग करने के लिए और आसान फिल्म पाॅलिसी लाने की कोशिश कर रहे हैं। फिल्मकारों के लिए सर्वश्रेष्ठ नीतियां बनाई गई हैं। सरकार का सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम भी है। उत्तराखंड फिल्म टूरिज्म बोर्ड के नोडल ऑफिसर केएस चौहान का कहना है कि उत्तराखंड 2015 में फिल्म पाॅलिसी जारी करने के उपरांत अभी तक 400 से अधिक फिल्मों, धारावाहिक, सॉन्ग की परमिशन दी गई है। मुख्यमंत्री द्वारा स्वयं फिल्म निर्माताओं से बात करना, फिल्म निर्माताओं से दोस्ताना माहौल, लोकेशन और शूटिंग के संदर्भ में आने वाली किसी भी समस्या का त्वरित निवारण आदि प्रमुख कारण है। उत्तराखंड को वर्ष 2017 में स्पेशियल मेंशन पुरस्कार, 2018 में मोस्ट फिल्म फ्रेंडली का प्रथम पुरस्कार, 2019 में बेस्ट फिल्म पर्यटन डेस्टिनेशन का पुरस्कार भारत सरकार से मिला है। उत्तराखंड में बनीं फिल्में साल 1963 की लोकप्रिय फिल्म गुमराह, जिसकी शूटिंग नैनीताल जिले में नैनी झील में हुई थी, प्यार और रोमांस की इस कहानी में नैनीताल की लोकेशन ने चार चांद लगा दिए थे। राजेश खन्ना की कटी पतंग (1971), इस फिल्म ने दर्शकों के मन में नैनी झील की अमिट छाप छोड़ी। बाद में हिट फिल्म राम तेरी गंगा मैली (1985) ने उत्तराखंड के विस्तृत पर्वतीय नजारों को प्रस्तुत किया। यह पहली फिल्म थी जिसने उत्तरकाशी जिले में स्थित हर्षिल की बात की। इसके बाद एक नया ट्रेंड शुरू हुआ और विभिन्न शैलियों की फिल्मों की शूटिंग उत्तराखंड में होने लगी जैसे घर का चिराग (1989), सिर्फ तुम (1999), अरमान (2003), लक्ष्य (2004) आदि। इस तरह अनेकों फिल्मों की शूटिंग उत्तराखंड में हुई, कुछ आंशिक रूप से तो कुछ पूरी तरह यहीं फिल्माई गईं। हिन्दुस्थान समाचार/राजेश/मुकुंद

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