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उत्तराखंडः संकट में होटल उद्योग, सीएम से राहत की मांग

द फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया का दावा- देश के 30 फीसद होटल बंद 20 फीसद लॉक डाउन के बावजूद नहीं खुले, शेष 50 फीसद भी घाटे में नैनीताल, 14 अप्रैल (हि.स.)। देश के 55 हजार होटलों एवं पांच लाख रेस्टोरेंटों का प्रतिनिधित्व करने वाले ‘द फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ ने दावा किया है कि कोरोना की वजह से देश के 30 फीसद होटल एवं रेस्टोरेंट पूरी तरह से बंद हो गए हैं। 20 फीसद लॉक डाउन के उपरांत पूरी तरह से खुले नहीं हैं, और शेष 50 फीसद कोरोना से पूर्व की स्थितियों की तुलना में 50 फीसद कम कारोबार करते हुए घाटे में चल रहे हैं। फेडरेशन के उपाध्यक्ष गुरबख्श सिंह कोहली ने इस संबंध में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत एवं मुख्य सचिव ओम प्रकाश को पत्र लिखकर उत्तराखंड में होटल उद्योग को तबाह होने से बचाने के लिए आठ सूत्र सुझाए हैं। इनमें बिजली के बिलों, संपत्ति कर आदि में छूट, पूर्ण बंदी की जगह स्थितियों के अनुसार आंशिक बंदी, एसओपी यानी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए कार्य करने देने, कुछ शहरों में लागू रात्रि कर्फ्यू के बावजूद लोगों को आमंत्रण पत्रों के आधार पर शादियों में जाने की छूट देने एवं होटल उद्योग के कर्मियों को प्रथम श्रेणी के कोरोना योद्धा मानते हुए उन्हें कोरोना टीकाकरण में प्राथमिकता देने की बात कही है। फेडरेशन के सदस्य एवं नैनीताल के प्रमुख होटल व्यवसायी प्रवीण शर्मा ने कहा कि कोरोना काल एवं लॉक डाउन के उपरांत जहां अन्य अनेक क्षेत्रों में अनेक छूटें दी गई हैं, वहीं सर्वाधिक रोजगार देने वाले होटल उद्योग की ओर सरकार का बिल्कुल भी ध्यान नहीं है। इससे होटलों के बंद होने और कर्मचारियों के बेरोजगार होने का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। हिन्दुस्थान समाचार/डॉ.नवीन जोशी

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