two-day-national-ornithology-seminar-concludes
two-day-national-ornithology-seminar-concludes

दो दिवसीय राष्ट्रीय पक्षी विज्ञान संगोष्ठी का समापन

हरिद्वार, 01 अप्रैल (हि.स.)। गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के जंतु एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय पक्षी विज्ञान संगोष्ठी का आत समापन हो गया। गोष्ठी में उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर देवी प्रसाद त्रिपाठी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। वर्चुअल तरीके से आयोजित में संगोष्ठी को पतंजलि विश्वविद्यालय के उपकुलपति प्रोफेसर महावीर अग्रवाल तथा जाने-माने मोटिवेशनल स्पीकर डॉक्टर महेश भट्ट ने संबोधित किया। संगोष्ठी में चार मौखिक तथा एक पोस्टर सत्र का आयोजन किया गया। जिसमें पक्षी वेदों ने पक्षी जीवन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। पारा विश्वविद्यालय ब्राजील की अंतरराष्ट्रीय पक्षीविद प्रोफेसर मारिया ने पक्षी संवाद पर अपना आमंत्रित व्याख्यान दिया। पक्षी क्यों गाते हैं, कैसे गाते हैं तथा गायन का उनके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है। जैसे बिंदुओं को विस्तृत रूप से प्रतिभागियों के समक्ष रखा। समापन सत्र की अध्यक्षता करते हुए गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रूप किशोर शास्त्रीने कहा कि प्रोफेसर दिनेश भट्ट संगोष्ठी के संयोजक होने के साथ-साथ यूकोस्ट उत्तराखंड सरकार द्वारा उनको मेजर शोध परियोजना स्वीकृत की है, जिसके लिए धनराशि उत्तराखंड सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी। इस अवसर पर टोक्यो विश्वविद्यालय जापान प्रोफेसर ओकानो या, मिजोरम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अमित त्रिवेदी, उप्साला विश्वविद्यालय स्वीडन के प्रोफेसर हेलस्ट्रोम, बीएनएचएस मुंबई के रजत भार्गव, जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के प्रसिद्ध पक्षी वैज्ञानिक डॉ. मुकेश ठाकुर, मैक्स प्लैंक संस्थान जर्मनी के निदेशक प्रोफेसर मेन फ्रेंड, इटली के जाने-माने पक्षी विद डॉक्टर लिवीओ, संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के जाने-माने पक्षी विद प्रोफेसर ट्रेवल प्राइस, दक्षिणी डेनमार्क विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ओले लार्सन, ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय कनाडा की अंतर राष्ट्रीय पक्षी विद् प्रोफेसर मार्टिन ने अपने शोध पत्र ऑनलाइन के माध्यम से प्रस्तुत किये। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष व विश्वविद्यालय कुलसचिव डा. विनय सेठी ने लघुवृत्त चित्र के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी। वहीं अपने अनुभव साझा करते हुए प्रो. दिनेश भट् ने शिक्षा व शोध के क्षेत्र में किए गए अपने कार्यों का श्रेय अपने शोधार्थियों को देते हुए कहा कि शिक्षक की सफलता का श्रेय उसके शिष्यों की योग्यता व सफलता से ही मापा जा सकता है। कार्यक्रम में प्रो. भारत भूषण वेदालंकार, प्रो. डीएस मलिक, प्रो. आरकेएस डागर, प्रो. सुरेन्द्र त्यागी, प्रो. ब्रह्मदेव, प्रो. एलपी पुरोहित, प्रो. नमिता जोशी, प्रो. सत्यदेव निगमालंकार और हेमन्त सिंह नेगी सहित विभिन्न शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी उपस्थित रहे। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in